निजी कंपनियां ट्रेनों के संचालन के लिए खुद तय करेंगी अपना किराया, रेलवे ने दी मंजूरी

केंद्र सरकार विदेशी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए अपने रेल नेटवर्क पर निजी ट्रेन चलाने की योजना पर काम कर रही है।

आने वाले दिनों में देश में निजी ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा, लेकिन इनमे यात्रा करना आम आदमी की जेब पर भारी पड़ सकता है।

इसका प्रमुख कारण यह है कि रेलवे ने निजी कंपनियों को ट्रेनों के संचालन के लिए अपने स्तर पर कियारा निर्धारित करने की छूट देने का निर्णय किया है। अपने हिसाब से किराया निर्धारित कर सकेंगी कंपनिया- यादव

मीडिया  के अनुसार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने कहा कि ट्रेनों का संचालन करने वाली निजी कंपनियों को अपने स्तर पर किराया निर्धारित करने की आजादी दी गई है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनियों को उन मार्गों पर चलने वाली वातानुकूलित बस और विमाना सेवाओं को ध्यान में रखते हुए ही अपना किराया तय करना होगा। ऐसे में यह तय है कि निजी कंपनियां अपने सुविधाओं के हिसाब से अन्य ट्रेनों की तुलना में अधिक किराया वसूलेगी।

सरकार ने कंपनियों से मांगे हैं प्रस्ताव

अध्यक्ष यादव ने कहा कि जुलाई में निजी कंपनियों से देश के 109 मार्गों पर 151 ट्रेनें संचालित करने के लिए रुचि के अनुसार प्रस्ताव भेजने को कहा था। इसके अलावा दिल्ली और मुंबई सहित अन्य रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए भी प्रस्ताव मांगे थे। बता दें रेलवे ने 2022-23 में 12, साल 2023-24 में 45, साल 2025-26 में 50 और इसके अगले साल में 44 निजी ट्रेनों सहित कुल 151 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई है।इन कंपनियों ने दिखाई देश में निजी ट्रेनें चलाने में रुचि

अध्यक्ष यादव ने कहा कि 2023 तक देश की पहली बुलेट ट्रेन बनाने के लिए जापान से कम लागत के लोन पर दांव लगा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रेलवे का आधुनिकीकरण महत्वपूर्ण है। सरकार ने यात्री ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया एल्सटॉम, बॉम्बार्डियर इंक, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने ट्रेन चलाने की इच्छा जताई है। परियोजनाओं से अगले 5 साल में 7.5 बिलियन डॉलर का निवेश आ सकता है।अन्य ट्रेनों में भी बढ़ाया जाएगा किराया

अध्यक्ष यादव ने कहा कि विमानों किराए की तर्ज पर बिजी स्टेशनों पर यात्रियों से किराए में ‘यूजर चार्ज’ वसूला जाएगा। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के क्रम में राजस्व जुटाने के लिए यह निर्णय किया गया है। उन्होंने कहा कि यह शुल्क मामूली होगा और यह देश के सात हजार रेलवे स्टेशनों में से लगभग 10-15 प्रतिशत स्टेशनों पर ही लागू किया जाएगा। इस बयान ने रेलवे के किराए में बढ़ोतरी को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

भारत में ही तैयार की जाएंगी ट्रेनें

रेलवे के अनुसार निजी कंपनियों द्वारा संचालित की जाने वाली ट्रेनों में से 70 प्रतिशत भारत में ही तैयार होगी। इनको 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से चलने लायक बनाया जाएगा। 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर के समय में 10 से 15 प्रतिशत तथा 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर के समय में करीब 30 प्रतिशत की कमी आएगी। कुल मिलाकर यात्रियों का समय बचेगा। इन ट्रेनों में 16 कोच होंगे।

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