अब कानपुर में भी सीख सकते हैं घुड़सवारी, छावनी में खुला प्रदेश का पांचवां प्रशिक्षण केंद्र

अगर आप घुड़सवारी के शौकीन हैं और खुद या अपने बच्चों को इसका प्रशिक्षण दिलाना चाहते हैं तो समझिए आपकी मुराद पूरी हो गई। अब आपको इसके लिए कहीं बाहर नहीं जाना होगा। छावनी में शहर का पहला और प्रदेश का पांचवां घुड़सवारी प्रशिक्षण केंद्र खुल गया है। सेना के स्टेशन हेडक्वार्टर द्वारा संचालित इस प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर नवीन सिंह ने किया है।

तीन एकड़ में बनाया गया केंद्र

बेशक भारत में घुड़सवारी का पुराना इतिहास रहा हो, लेकिन खेल की दुनिया में देश काफी पीछे है। इसका अहम कारण घुड़सवारी के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की कमी है। इसे देखते हुए स्टेशन हेडक्वार्टर की ओर से अशोक पथ (नैपियर रोड) पर सप्लाई डिपो के पास तीन एकड़ क्षेत्रफल में घुड़सवारी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई है। स्टेशन अफसर यूके वैश्य ने बताया कि फिलहाल हरियाणा से पचास-पचास हजार रुपये मूल्य के थारोब्रीड (शुद्धरक्त) के दो घोड़े खरीदे गए हैं। प्रशिक्षण के लिए सेना के अधिकारी व ट्रेनर तैनात हैं। इस केंद्र के पैटर्न इन चीफ स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर नवीन सिंह से हैं। इसके अलावा एडम कमांडेंट एके राय अध्यक्ष और मेजर डीबी राणा चेयरमैन बनाए गए हैं।

इन्हें मिलेगा प्रवेश और यह होगी फीस

चेयरमैन मेजर डीबी राणा ने बताया कि फिलहाल दो घोड़े होने की वजह से प्रशिक्षणार्थियों की संख्या सीमित होगी। वर्तमान में सेना के जवान, पूर्व सैन्य अफसर और उनके परिवार के अलावा केवल छावनी क्षेत्र में स्थित स्कूलों के छात्र-छात्राओं को ही प्रवेश मिलेगा। भविष्य में शहर के अन्य स्कूलों के छात्रों को भी प्रवेश का मौका दिया जाएगा। सेना से जुड़े प्रशिक्षणार्थियों को महीने में एक हजार और छावनी स्कूल के बच्चों को दो हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा। प्रशिक्षणार्थियों को सप्ताह में तीन दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक व्यक्ति को आधा घंटे का समय मिलेगा।

प्रदेश का पांचवां प्रशिक्षण केंद्र

कानपुर का घुड़सवारी प्रशिक्षण केंद्र प्रदेश में पांचवां केंद्र होगा। सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश में बरेली, मेरठ और लखनऊ में ही घुड़सवारी प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विवि में निजी घुड़सवारी प्रशिक्षण केंद्र है।

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