आखिर लोगों को क्यों डराता है 13 नंबर, क्या है इसका स्वर्गीय अटल जी से संबंध ?

आज भी भारत ही नहीं विदेश में भी कई लोग अंधविश्वासी है और इतने पढ़े लिखे होने के बावजूद भी कई लोग ऐसी बातो में विश्वास करते है जिनका कोई तर्क ही नहीं बैठता है | आपने देखा होगा की कई लोग 13 नंबर को बहुत ही अशुभ मानते है, पूरी दुनिया में 13 नंबर ही एक ऐसा नंबर है जिसे बहुत ही मनहूस माना जाता है, ऐसे में ये सवाल जरूर उठता है की ऐसा क्यों है, आखिर क्यों लोग इस संख्या से इतना डरते है | पश्चिमी देशो में इस अंक को लेकर बहुत भय देखा जाता है, पश्चिमी देशो में 13 नंबर को लेकर लोगो में इस कदर भय है की वह इस नंबर से हमेशा दूरी ही बनाये रखते है, इस पोस्ट के जरिये हमारा उद्देश्य आपको डराना नहीं है बल्कि इस अंक से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को सामने लाना है | 

 ऐसा बताया जाता है की जीसस के गिरफ्तार किये जाने से पहले एक सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था और उस भोज में जीसस भी मौजूद थे, उस टेबल पर बैठे 13 वे व्यक्ति जुडास ने जीसस को धोखा देकर गिरफ्तार करवा दिया था | इस भोज The Last Supper  के नाम से जाना जाता है और इसकी तस्वीर भी इसी नाम से प्रसिद्ध है, जानकारों के अनुसार तभी से लोगो में 13 नंबर को लेकर भय बैठ गया था और इसे मनहूस मानने लगे, इसके डर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की इस अंक के डर को मनोवैज्ञानिक चिकित्सा में ट्रीस्काइडेकोफोबिया नाम दिया गया है |  विदेशो में आज भी कई होटल्स में आपको रूम नंबर 13 देखने को नहीं मिलेगा और ना ही लिफ्ट में 13 नंबर का बटन होता है | इसके अलावा रेस्टोरेंट और बार में भी 13 नंबर की टेबल देखने को नहीं मिलती है, फ्रांस में तो एक मेज पर 13 कुर्सिओं का होना बहुत ही अशुभ माना जाता है | भारत में भी है इसका असर

ऐसा नहीं है की इस नम्बर को लेकर भय सिर्फ विदेशो में ही देखने को मिलता है, भारत में कई जगहों पर आपको इससे जुडी कुछ ना कुछ चीज जरूर नज़र आ ही जाएगी | आज भारत का सबसे स्वच्छ शहरो में गिने जाने वाले चंडीगढ़ भी इससे अछूता नहीं है, यह शहर पंडित जवाहरलाल नेहरू का सपनो का शहर हुआ करता था | आपको जानकर हैरानी होगी की इस शहर में सेक्टर 13 है ही नहीं, बताया जाता है की इस शहर को डिज़ाइन करने वाले आर्किटेक्ट ने इस शहर में 13 सेक्टर बनाया ही नहीं क्योंकि वह 13 नंबर को अशुभ मानता था | बताया जाता है कि इसका असर अटलबिहारी वाजपेयी पर पड़ा था, उनकी सरकार केवल 13 दिनों के लिए ही सत्ता में रही थी और दूसरी बार जितने पर उन्होने 13 तारीख को ही शपथ ग्रहण कि थी और यह सरकार भी 13 महीने ही चल पायी | इसके बाद फिर से 13वे लोकसभा चुनाव में 13 दलों के सहयोग से 13 तारीख को शपथ ली और फिर 13 को ही हार का मुँह देखना पड़ा था | 

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