आज पेरिस में एफएटीएफ की बैठक, आतंकी फंडिंग को लेकर PAK का निगरानी सूची में बना रहना तय

आज एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) का पूर्ण सत्र पेरिस में होगा। इस बैठक में पाकिस्तान को लेकर बड़ा फैसला सुनाया जा सकता है। इस पूरे सत्र में पाकिस्तान मुख्य एजेंडे में होगा। इस सत्र के दौरान आतंकी फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को एफएटीएफ की निगरानी सूची में बनाए रखना लगभग तय है। गौरतलब है कि आतंकी फंडिंग समेत काले धन का प्रवाह रोकने के लिए पूरे विश्व में एक समान नियम कानून बनाने के लिए बनाई गई संस्था एफएटीएफ की पिछले रविवार से पेरिस में बैठक चल रही है और इसका फैसला शुक्रवार को सामने आएगा।

4 महीने में ना सुधरा तो ब्लैकलिस्ट होगा पाकिस्तान !

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स(Financial Action Task Force) ने पाकिस्तान को सिर्फ चार महीने की मोहलत दी है, लेकिन इसके साथ कहा है कि अगर पाकिस्तान ने जून 2020 तक आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए बताए गए कदम नहीं उठाए तो उसे ब्लैकलिस्ट यानि प्रतिबंधित सूची में डाला जा सकता है। फिलहाल पाकिस्तान, एफएटीएफ की निगरानी सूची में शामिल है और एफएटीएफ ने 2018 में ही पाकिस्तान को 27 कार्यों की एक सूची सौंपी थी।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट पर बने रहने की संभावना है, ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग वॉच डॉग द्वारा दी गई 27 सूत्रीय कार्य योजना को पूरी तरह से लागू करने के लिए पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय देने पर सहमति हो गई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि इस फैसले की घोषणा शुक्रवार को एफएटीएफ की बैठक के अंत में की जा सकती है, जो वर्तमान में फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रही है।

तुर्की के अलावा किसी देश का समर्थन नहीं मिला

एफएटीएफ की बैठक में हिस्सा ले रहे कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को तुर्की के अलावा अन्य किसी भी देश से साफ तौर पर समर्थन नहीं मिला। यहां तक कि उसके सदाबहार दोस्त चीन ने भी इस बार उसका साथ छोड़ दिया है। मोटे तौर पर सदस्य देशों में यह आम राय थी कि आतंकी गतिविधियों तक फंड प्रवाह रोकने का खतरा पाकिस्तान में पूरी तरह से बना हुआ है। पाकिस्तान सरकार के समक्ष जो 27 काम टास्क फोर्स की तरफ से दिए गए थे उसमें से आधे पर भी ठीक तरह से काम नहीं हुआ है। ऐसे में उसे कहा गया है कि वह जून, 2020 तक बाकी सभी काम पूरा करे। अगर तय समय सीमा में ऐसा नहीं होता है तो एफएटीएफ उचित कार्रवाई करेगा।

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