देसी कोरोना वैक्सीन को लॉन्च होने के लिए कम से कम अगले साल का इंतजार करना होगा। उससे पहले रूस की कोविड वैक्सीन Sputnik V भारत में उपलब्ध हो सकती है। बशर्ते वह रेगुलेटरी क्लियरेंस हासिल कर ले। दिल्ली की मैनकाइंड फार्मा ने RDIF के साथ Sputnik V की भारत में मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए डील की है। हालांकि कितनी डोज पर बात बनी है, यह अभी तक क्लियर नहीं हुआ है। मैनकाइंड के अलावा डॉ. रेड्डी लैबोरेटरीज ने भी इसी वैक्सीन के लिए RDIF के साथ पार्टनरशिप की है। डॉ. रेड्डी लैब्स को 10 करोड़ डोज दी जाएंगी। दूसरी तरफ, इजरायल ने अपनी कोविड-19 वैक्सीन का नाम ‘Brilife’ रखा है। इंसानों पर इसका ट्रायल अक्टूबर के आखिरी हफ्तों में शुरू होगा। इजरायल ने अगस्त में ही दावा किया था कि उसने कोरोना की वैक्सीन बना ली है।
डॉ. रेड्डी लैब्स को मिला Sputnik V के ट्रायल का अप्रूवल
शनिवार को डॉ. रेड्डी लैब्स ने कहा कि उन्हें ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से Sputnik V के फेज 2 और 3 क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। मल्टी-रेंटर रैंडमाइज्ड कंट्रोल ट्रायल में यह देखा जाएगा कि वैक्सीन कितनी असरदार और सुरक्षित है। यह टीका गामलेया नैशनल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी ऐंड माइक्रोबायोलॉजी ने तैयार किया है। Sputnik V दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन है जो रजिस्टर्ड हुई है। फिलहाल रूस में इसका फेज 3 ट्रायल चल रहा है।
इजरायल ने क्यों वैक्सीन को दिया Brilife नाम?
इजरायल ने अपनी कोविड वैक्सीन का नाम Brilife रखा है। यह वैक्सीन इजरायल इंस्टिट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च (IIBR) ने तैयार की है। IIBR के डायरेक्टर-जनरल के अनुसार ‘Bri’ का हिब्रू भाषा में मतलब स्वास्थ्य होता है, ‘il’ का मतलब इजरायल और जीवन। वैक्सीन का फेज 1 ह्यूमन ट्रायल दो सेंटर्स पर होगा। पहले फेज में 100 लोगों पर ट्रायल होगा। सेफ साबित होने पर वैक्सीन का दूसरे फेज में 1,000 लोगों पर ट्रायल किया जाएगा।
वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम पर काम जारी: पीएम मोदी
भारत में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता होने पर उसकी डिलिवरी के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रैंड चैलेंजेस मीटिंग्स 2020 का उद्घाटन करते हुए इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट में आगे है। उन्होंने कहा कि ‘हम यहीं नहीं रुकने वाले। भारत एक वेल-इस्टैब्लिश्ड वैक्सीन डिलिवरी सिस्टम तैयार करने में जुटा हुआ है।’ भारत में वैक्सीन स्टोरेज और उसकी डिलिवरी को स्ट्रीमलाइन करने के लिए खास कमिटी बनी है। यह कमिटी भारत के अलावा दुनियाभर में डेवलप हो रही वैक्सीन पर भी नजर रखे हुए है।