इस दिन मनाया जाएगा दशहरा, जानें रावण दहन और विजयादशमी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

उज्जैन. इस बार दश्हरा कब है इसको लेकर असमंजस है। कैलेंडर में दशहरा में सोमवार (26 अक्टूबर ) को वहीं, कई जगह रविवार को दशहरा बताया जा रहा है। नवरात्र में नवमी और दशमी को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि आखिर दशहरा कब है। ऐसे में ज्योतिषीय गणना को आधार माना गया है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस बार रविवार को ही नवमी और दशमी रहेगी।

नवरात्र की अष्टमी नवमी और दशहरे को लेकर असमंजस के चलते कई जगहों पर लोग गणना कार्य एवं कैलेंडर ओं को आधार मान रहे हैं। ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस बार नवमी और दशहरा एक ही दिन रविवार को रहेगा। रविवार सुबह 7:42 तक वमी रहेगी और उसके बाद दशहरा शुरू हो जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बावाला ने बताया कि अष्टमी शुक्रवार सुबह 7:00 बजे से शुरू होगी जो शनिवार सुबह 7:22 तक रहेगी। उसके बाद 7:23 बजे से नवमी शुरू हो जाएगी। जो रविवार 7:42 तक रहेगी। इसके बाद दसवीं शुरू होगी जो सोमवार सुबह 9:22 तक रहेगी। क्योंकि भारतीय गणना के अनुसार उदया तिथि को माना जाता है इसलिए नवमी और दशमी इस बार रविवार को ही रहेगी।

विजयादशमी पूजा मुहूर्त
विजयादशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है। इस दिन भगवान राम, देवी अपराजिता तथा शमी के पेड़ की पूजा की जाती है।

विजयादशमी का महत्व
इस दिन भगवान राम सीता माता को रावण की लंगा से मुक्त करके लाए थे। रावण पर भगवान राम के विजय की खुशी में हर वर्ष दशहरा मनाया जाता है। इसके साथ ही मां दुर्गा ने महिषासुर का अंत कर देवताओं को मनुष्यों पर उपकार किया था, इस हर्ष में भी दशहरा मनाया जाता है। विजयादशमी या दशहरा बुराई पर अच्छाई तथा असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।

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