औरतों को पुराने जमाने में नहीं भेजते थे डॉक्टर के पास, ऐसे किया जाता गर्भपात !

आज के मॉडर्न सोसाइटी में भी कई बार महिलाओं की आवाज दबा दी जाती है। खासकर सेक्सुअल लाइफ से जुड़े मामलों में। आज भी अबॉर्शन जैसी चीजों को लेकर महिलाओं में जागरूकता की कमी है। इंटरनेट पर पुराने जमाने में महिलाओं का गर्भपात करवाने के कई अजीबोगरीब और खतरनाक तरीकों के बारे में बताया गया है जिनके बारे में जान कर आपकी रूह कांप जाएगी।

काफी असुरक्षित होते थे ये तरीके…

पुराने जमाने में पुरुष महिलाओं के प्रेग्नेंट हो जाने पर अगर अबॉर्शन करवाना चाहते थे, तो उन्हें डॉक्टर्स के पास ले जाने की जगह कई तरह के घरेलू लेकिन असुरक्षित तरीके अपनाते थे। कुछ जगहों पर लोग महिलाएं अपने प्राइवेट पार्ट के अन्दर जोंक (लिचेस) डाल लेती थीं। लोगों का मानना था कि ये कीड़े गर्भ में पल रहे फीटस को मार कर खा जाएंगे और इस तरह उनका अबॉर्शन हो जाएगा। हालांकि, इस तरीके से किए गए अबॉर्शन का कोई सटीक मामला सामने नहीं आया लेकिन छुपाकर इसे काफी इस्तेमाल किया जाता था।

टाइट कपड़े पहनकर

कई महिलाएं गर्भपात के लिए टाइट कपड़े पहनती थी। लॉजिक के मुताबिक, टाइट कपड़ों में गर्भ में पल रहा फीटस बढ़ नहीं पाता और महिला का गर्भपात हो जाता।

बॉडी में डालती थी हैंगर या नीडल

कई महिलाएं गर्भपात के लिए अपनी बॉडी में हैंगर या बड़ी नीडल डालती थीं। माना जाता था कि इस तरह की नुकीली चीजें गर्भ में मौजूद बच्चे को नुकसान पहुंचाकर गर्भपात करवा देती थी।

शॉक थेरेपी

कई जगहों पर शॉक थेरेपी के जरिए गर्भपात करवाया जाता था। महिलाओं को बिना एनेस्थीसिया दिए उनके दांत उखाड़े जाते थे या प्रेग्नेंट महिला को कुत्तों से कटवाया जाता था। माना जाता था कि इस तरीके से महिला को सदमा लगता था और गर्भपात की संभावना बढ़ जाती थी।

कई दिनों तक रहती थी भूखी

कई महिलाएं गर्भपात के लिए कई दिनों तक भूखी रहती थी। जब गर्भ में बच्चे को खाना ही नहीं मिलेगा, तो वो बढ़ेगा कैसे? महिलाएं तब तक भूखी रहती थी, जब तक बच्चा मर नहीं जाता था।

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