कमलनाथ का बड़ा दांव… भोपाल से लौटे सभी विधायकों का होगा कोरोना टेस्ट

मध्य प्रदेश में जारी सियासी तूफान और जोर पकड़ रहा है। गवर्नर लालजी टंडन ने फ्लोर टेस्ट के आदेश दे दिए हैं। विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा जिसके लिए भाजपा और कांग्रेस अपनी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर से वापस बुला लिया है और सीएम कमलनाथ कैबिनेट की बैठक किये। वहीं, दिल्ली में भाजपा की बैठक की बैठक हुई जिसमें पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान व ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उपस्थित थे।

इस बीच मध्‍य प्रदेश के विधानसभा अध्‍यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा है कि मैं उन विधायकों का इंतजार कर रहा हूं जिन्होंने किसी दूसरे के माध्यम से मुझे अपना इस्तीफा भेजा है। वे मुझसे सीधे संपर्क क्यों नहीं कर रहे हैं? मेरी विधानसभा के सदस्यों के साथ क्या हो रहा है… इस बात की चिंता है। यह परिस्थित लोकतंत्र पर सवाल खड़ा करती है।

मध्य प्रदेश में जारी सियासी घमासान में कमलनाथ सरकार ने बड़ा दांव खेलते हुए कहा कि भोपाल लौटे सभी विधायकों का अब कोरोना वायरस का टेस्ट होगा। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा की गई कि हमारे विधायक जो जयपुर से आए हैं, उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए। साथ ही हरियाणा और बेंगलुरु में रहने वाले विधायकों का भी चिकित्सकीय परीक्षण किया जाना चाहिए।’

पीसी शर्मा ने कहा कि भोपाल लौटे सभी विधायकों का कोरोना वायरस का टेस्ट होगा। दरअसल, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ राज्य में सियासी सरगर्मी एक बार फिर से बढ़ गई है। लगभग आधी रात को राजभवन से एक पत्र राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ को भेजा गया।

वहीं निर्दलीय विधायक और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कैबिनेट मीटिंग के बाद दावा किया कि सरकार के पास जरूरी संख्या है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को विश्वास है। उन्होंने यह भी कहा कि कल की परीक्षा (फ्लोर टेस्) हो यह जरूरी नहीं है क्योंकि अभी तो कोरोना चल रहा है।

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि जयपुर में भी कोरोना के मरीज मिले हैं, हमने अपने विधायकों की जांच करवाई है, हरियाणा और बेंगलुरु में भी कोरोना के मरीज मिलने के चलते वहां से आने वाले लोगों की भी जांच की जाएगी। बेंगलुरु से विधायक यहां आना चाहते हैं, लेकिन आने नहीं दिया जा रहा।

राज्य कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा का दामन थामने के साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ की कुर्सी डोलने का खतरा हो गया था। भाजपा मांग कर रही थी कि फ्लोर टेस्ट कराया जाए। राज्यपाल के आदेश के बाद अब भाजपा में और भी उत्साह है। वहीं, फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर के रिजॉर्ट से भोपाल बुला लिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो इन विधायकों को भोपाल आने के बाद भी होटल में एक साथ रखा गया है।

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