कोरोना वायरस: त्योहारी मौसम में भारत में बढ़ सकते हैं मामले, अमेरिका को छोड़ देगा पीछे

भारत में त्योहारों का मौसम दस्तक देने को तैयार है और इसी के साथ कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि की आशंका व्यक्त की जा रही है। संक्रमण को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों में ढील के बाद बड़ी संख्या में लोगों का बाजारों में पहुंचना और एक जगह से दूसरी जगह आना-जाना तय है और इससे संक्रमण की रफ्तार बढ़ेगी। इसके फलस्वरूप भारत अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया का सबसे अधिक प्रभावित देश बन सकता है।

अगले हफ्ते दुर्गा पूजा तो नवंबर में दिपावली का बड़ा त्योहार

देश में अगले हफ्ते दुर्गा पूजा के साथ त्योहारों के मौसम की शुरूआत हो रही है। इस त्योहार पर लाखों लोग, विशेषकर पश्चिम बंगाल में, एक साथ इकट्ठा होते हैं। इसके बाद दशहरा और फिर नवंबर के मध्य में दिपावली जैसा बड़ा त्योहार है जिसमें न केवल लोग अपने रिश्तेदारों के यहां आना-जाना पसंद करते हैं, बल्कि काफी सारी खरीदारी भी करते हैं। इससे बाजारों में भीड़ और सार्वजनिक और पारिवारिक कार्यक्रमों की संख्या बढ़ना तय है।आर्थिक संकट से जूझ रहे सरकारें हट रहीं पाबंदियां लगाने से पीछे

कोरोना वायरस महामारी के कारण पहले से ही नकदी संकट का सामना कर रही सरकारें त्योहारों के इस मौसम में लोगों पर कड़ी पाबंदियां नहीं लगाना चाहतीं और इस वजह से इस त्योहारी मौसम में संक्रमण की दर बढ़ सकती है। पश्चिम बंगाल के मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने मामले पर कहा, “अगर त्योहारों के मौके पर शहर आकर कुछ पैसे कमाने वाली ग्रामीण प्रवासी लोगों को इससे वंचित किया जाता है तो भुखमरी से ज्यादा मौतें होंगी।”एक बड़ी ग्रामीण आबादी के पास कोई काम नहीं- मुखर्जी 

मुखर्जी ने आगे कहा, “धान की बुवाई और रोपाई खत्म होने के बाद एक बड़ी ग्रामीण आबादी के पास करने के लिए कोई आर्थिक गतिविधि नहीं है। इसी तरह हजारों छोटे व्यापारी भी कुछ पैसा कमाने की जुगत में हैं।”त्योहारों में मामले बढ़ने का सबसे सटीक उदाहरण है केरल 

त्योहारों के कारण कोरोना वायरस के मामले किस कदर बढ़ सकते हैं, केरल इसका बेहद सटीक उदाहरण है। अगस्त के अंत में ओणम के त्योहार के बाद राज्य में संक्रमण के मामले पांच गुना बढ़ चुके हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा दो गुना का रहा है। राज्य में पहले 5,000 मामले आने में जहां पांच महीने का समय लगा था, वहीं पिछले तीन महीने में ही यहां तीन लाख से अधिक मामले हो गए हैं।सर्दियों के कारण भी मामलों में वृद्धि की आशंका

त्योहारों के मौसम के साथ सर्दियों को आगमन भी होने जा रहे है जिनमें कोरोना वायरस जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने की दर बढ़ जाती है। इसके अलावा बढ़ा प्रदूषण कोरोना वायरस के मरीजों में होने वाली सांस संबंधी समस्याओं को बदतर कर सकता है।लोगों से सावधानी बरतने की अपील कर रही केंद्र सरकार

इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए केंद्र सरकार लगातार लोगों से त्योहारों पर सावधानी बरतने की अपील कर रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन पिछले हफ्ते कह चुके हैं, “अपनी आस्था और धर्म साबित करने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा होने की कोई जरूरत नहीं है। अगर हम ऐसा करते हैं तो यह बड़ी समस्या को निमंत्रण देना है।” उन्होंने कहा कि कोई भगवान या धर्म ये नहीं कहता कि लोगों की जान खतरे में डालकर त्योहार बनाए जाएं।लोगों को अधिक जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करने की जरूरत- अधिकारी

केरल के मुख्य स्वास्थ्य सचिव राजन खोबरागड़े ने मामले पर कहा, “त्योहारों के मौसम में आप कितने भी प्रयास कर लीजिए, आबादी का घुलना-मिलना होता ही है, जोकि मामले बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।” उन्होंने कहा कि लोगों को अधिक जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करते हुए गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।

वहीं बंगाल की कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ अभिजीत चौधरी ने कहा कि जिस तरीके से लोग नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, वह बेहद डरावना है।अगर त्योहारों पर बढ़े मामले तो भारत का सबसे अधिक प्रभावित देश बनना तय

73.70 लाख कोरोना संक्रमितों के साथ भारत अमेरिकी से ठीक पीछे है जहां लगभग 80 लाख लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है। अगर त्योहारों के मौसम में देश में मामले बढ़ना शुरू होते हैं तो उसका सबसे अधिक प्रभावित देश बनना लगभग तय है।

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