कोरोना संकट : वैक्सीनेशन के दौरान फर्जीवाड़ा और प्रॉक्सी रोकने के लिए होगा आधार का इस्तेमाल

देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन की तैयारी अपने अंतिम चरण में हैं और केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच आज इस संबंध में महत्वपूर्ण बैठक हुई।बैठक में केंद्र सरकार के अधिकारियों ने राज्यों को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया की बारीकियों के बारे में समझाया और इसमें मुख्य जोर को-विन नामक सोफ्टवेयर के इस्तेमाल पर रहा। केंद्र ने वैक्सीनेशन के दौरान फर्जीवाड़ा और प्रॉक्सी रोकने के लिए आधार कार्ड के उपयोग की बात भी कही।

कोविड-19 सशक्त समूह के चेयरमैन ने की बैठक की अध्यक्षता

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के तकनीक और डाटा मैनेजमेंट के लिए बनाए गए सशक्त समूह के चेयरमैन रामसेवक शर्मा ने इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की और इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से लेकर सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों तक ने हिस्सा लिया। को-विन सॉफ्टवेयर इस बैठक का केंद्र रहा, जिसका उपयोग वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को रीयल-टाइम में ट्रैक करने और लाभार्थियों से संबंधित सभी डाटा को रखने के लिए किया जाना है।डिजिटल रिकॉर्ड

किसे, कब और कौन सी वैक्सीन दी गई, इसका डिजिटल रिकॉर्ड रखना होगा

बैठक में राज्य सरकार के अधिकारियों को किसे, कब और कौन सी वैक्सीन लगी, इन सभी बातों का डिटिजल रिकॉर्ड रखने को कहा गया और इसके लिए ही को-विन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाना है। अभी ये सॉफ्टवेयर केवल अधिकारियों के लिए उपलब्ध हैं और वे अपने काम से संबंधित डाटा को इस पर डाल सकते हैं। इसे जल्द ही आम जनता के लिए भी खोला जाएगा और इसके जरिए वे वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। सलाह

फर्जीवाड़ा और प्रॉक्सी रोकने के लिए आधार कार्ड के उपयोग की सलाह

अधिकारियों के अनुसार, वैक्सीनेशन के दौरान फर्जीवाड़े और प्रॉक्सी (एक व्यक्ति की जगह दूसरे वैक्सीन का वैक्सीन लगवाना) को रोकना एक अन्य ऐसा अहम मुद्दा रहा जिसे लेकर बैठक में चर्चा हुई। केंद्र ने राज्यों से एक भी प्रॉक्सी न होने देने और इसके लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल करने को कहा है। बता दें कि सरकार लोगों को भी अपने मोबाइल नंबर को आधार कार्ड से लिंक करने की सलाह दे रही है ताकि उन्हें कोई समस्या न हो।कोरोना वैक्सीनेशन

16 जनवरी से देश में शुरू होगा वैक्सीनेशन अभियान

बता दें कि भारत में 16 जनवरी यानि अगले शनिवार से कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा और सरकार का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना है।इसमें सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके बाद पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों समेत महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात लगभग दो करोड़ कर्मचारियों को खुराक दी जाएगी। केंद्र सरकार इन सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का ऐलान कर चुकी है।अन्य लोग

स्वास्थ्यकर्मियों और कर्मचारियों के बाद बुजुर्गों को लगाई जाएगी वैक्सीन

स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर खड़े अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के बाद 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 से कम उम्र के ऐसे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनका नंबर आएगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। सबसे अंत में युवा और स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा।मंजूरी

दो वैक्सीनों को मिल चुकी है आपातकालीन उपयोग की मंजूरी

बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है।कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और भारत में SII इसका निर्माण और ट्रायल कर रही है। इसे 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। वहीं कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है।

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