भारत का घरेलू टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2011 विवादों में घिर गया हैं. बड़ौदा के ऑलराउंडर दीपक हुड्डा ने बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन को पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने कप्तान क्रुणाल पांड्या पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा हैं कि उन्होंने उनके साथ अपमानजनक भाषा और करियर को खत्म करने की धमकी दी हैं.
टूर्नामेंट के शुरू होने से एक दिन पहले दीपक हूडा ने उदासी और हतोत्साहित में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से नाम वापसी ले लिया हैं. हुड्डा ने अपने पत्र में पांड्या पर अपने अभ्यास सत्र के दौरान बड़ौदा टीम के साथियों के सामने उन्हें गाली देने का आरोप लगाया.
हूडा ने पत्र में लिखा, “मैं बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन से पिछले 11 वर्षों से क्रिकेट खेल रहा हूँ. वर्तमान में, मुझे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए चुना गया है. मैं अपमानित, उदासी और दबाव में हूँ. पिछले कुछ दिनों से मेरी टीम के कप्तान श्री क्रुणाल पांड्या मेरे टीम के साथियों और अन्य राज्यों की टीमों के सामने मेरे साथ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, जो रिलायंस स्टेडियम वडोदरा में भाग लेने के लिए आए हैं.”
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि वह कोच की अनुमति के साथ अभ्यास कर रहे थे जब भारत के हरफनमौला खिलाड़ी पांड्या ने उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया.
हूडा ने आरोप लगाया, “आज मैं हेड कोच श्री प्रभाकर की अनुमति से नेट्स में अभ्यास कर रहा था और कल के खेल के लिए अपनी तैयारी कर रहा था. फिर क्रुणाल नेट्स में आए मेरे साथ दुर्व्यवहार करने लगे. मैंने उनसे कहा कि मैं अपनी तैयारी मुख्य कोच की अनुमति से कर रहा हूँ. उन्होंने मुझसे कहा कि कप्तान मैं कप्तान हूं, मुख्य कोच कौन है? मैं बड़ौदा टीम का सब कुछ हूँ. फिर उन्होंने अपने दादागिरी दिखाते हुए मेरा अभ्यास बंद कर दिया.”
“वह मुझे हर समय नीचे खींचने की कोशिश कर रहा है. वह मुझे धमकी दे रहा है कि तुम बड़ौदा के लिए कैसे खेलोगे, मैं तुम्हें देखूंगा. मैंने आज तक अपने क्रिकेटिंग करियर में ऐसा अस्वस्थ माहौल कभी नहीं देखा. मैंने बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन से ही क्रिकेट के सभी स्तरों पर प्रतिनिधित्व किया है. इसके अलावा, मैं पिछले 7 वर्षों से आईपीएल खेल रहा हूँ. मुझे अपने क्रिकेटिंग करियर में आज तक हमेशा एक अच्छा माहौल मिला हैं.”
हूडा ने अंत में कहा, “मैंने आज तक महान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों और कप्तानों के साथ काफी क्रिकेट खेला है. लेकिन मैं टीम के कप्तान द्वारा दिए गए इस तरह के बुरे व्यवहार का सामना नहीं किया. मैं एक टीम मैन हूं और मैं हमेशा अपनी टीम को अपने से ऊपर रखता हूँ. उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर, मैं उन परिस्थितियों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और खेलने में असमर्थ हूं, जहां हर बार हमारे बड़ौदा टीम के कप्तान ने मेरा मजाक उड़ाया और मेरी तैयारी में खलल डाला.”