घर में इस जगह जिसने लगाया ताला, उसकी किस्मत पूरी जिंदगी के लिए हुई बंद

जब हमारा कोई काम नहीं बनता, या तमाम कोशिशों के बावजूद भी हम असफल हों तो हम फटाफट किस्मत को दोष देते हैं। ऐसा सबसे अधिक तब होता है जब हम खुद को आर्थिक रूप से कमज़ोर पाते हैं। हमारे साथी कुछ मेहनत करके आगे बढ़ जाते हैं, और हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद भी हम वहीं के वहीं बैठे रह जाते हैं। तब हम खुद की किस्मत को कोसते हैं और भगवान से पूछते हैं कि हमारी किस्मत के ताले बंद क्यूं हैं। यह ताले कब खुलेंगे, काश भगवान हमें उस ताले की चाबी दे दे ताकि हम भी जिंदगी में खुशी-खुशी आगे बढ़ सकें।

आज हम आपको आपके किस्मत के ताले को खोलने वाली चाबी देने जा रहे हैं। जी हां… वही चाबी जिसके लिए आप भगवान से हमेशा अर्ज़ करते रहते हैं, लेकिन उसे प्राप्त करने में असमर्थ रहते हैं।आपको जानकर हैरानी होगी की जिस ताले और चाबी का इस्तेमाल हम घर की सुरक्षा के लिए करते है वही ताले और चाबी हमारे किस्मत के बंद ताले को भी खोल सकते है और यदि इनका सही से वास्तु के अनुसार उपयोग नहीं किया गया तो ये आपको बर्बादी की तरफ भी लेकर जा सकते है |

जैसा की हम सभी जानते है की घर की सुरक्षा हर किसी के लिए बहुत जरूरी होती है। जब भी कोई अपने घर से कुछ समय के लिए बाहर जाता है तो इसको ताला लगाकर जाता है। क्योंकि यहां हमारी बहुत सी कीमती चीज़ें होती हैं जैसे, पैसा, जरूरी दस्तावेज़ आदि। इन सब की सुरक्षा सिर्फ एक ताले पर निर्भर करती है। लेकिन वास्तुशास्त्र में इस ताले को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से घर की सुरक्षा पर कभी कोई आंच नहीं आती।

तो आईए जानें क्या है वो नियम-

हमारे वास्तु शास्त्र के अनुसार बताया गया है कि पूर्व दिशा को सूर्य का स्थान माना गया है और इस दिशा में ताबें का ताला इस्तेमाल करना चाहिए। इससे चोरी का भय कम रहता है और हमारे घर की सुरक्षा बढ़ जाती है साथ ही आर्थिक रूप से भी आपको लाभ की प्राप्ति होती है |

वास्तु के नियम के अनुसार पश्चिम दिशा को शनि का स्थान माना जाता है, यहां लोहे का काले रंग का ताला लगाएं इससे आपके घर में सकारत्मक उर्जा का वास होगा और घर की सुरक्षा भी बढ़ जाएगी |इसके साथ ही इस दिशा में कभी भूल से भी ताम्बे का ताला ना लगाये वरना ये आपके घर की सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है |

उत्तर में पीतल के ताले लगाने से सुरक्षा बढ़ती है लेकिन ध्यान रखें कि इसका रंग हलका सुनहरा होना चाहिए। दुकान या आफ़िस पर पांच धातु के भारी ताले अवश्य लगाएं। ताले के भारी होने से घर की सुरक्षा बढ़ती है। अगर पांच धातु का ताला नहीं मिले तो ताले पर लाल या चेरी रंग चढ़ा कर लगा सकते है.

घर या दुकान उत्तर-पूर्व मुखी है तो पीले रंग का ताला लगाना चाहिए। पश्चिम-पूर्व में भी लाल या चेरी रंग के ताले लगाने चाहिए। दक्षिण-पश्चिम दिशा में राहू का स्थान होता है इस स्थान पर भूरे रंग का ताला लगाना चाहिए। छत पर लगने वाले ताले का रंग नीला होना चाहिए। बेसमेंट में चमकीले रंग का ताला लगाएं और इनकी संख्या दो होनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर या पूजा-स्थल पर कभी ताला न लगाएं। इनके द्वार हमेशा खुलें छोड़ कर रखने चाहिए इससे घर में सकारात्मक उर्जा बनी रहती है |

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