चीनी ड्रैगन बातचीत की आड़ में एकबार फिर भारत के साथ बडे़ धोखे की तैयारी कर रहा

पेइचिंग
चीनी ड्रैगन बातचीत की आड़ में एकबार फिर से भारत के साथ बडे़ धोखे की तैयारी कर रहा है। चीन की सेना PLA ने अपने कब्‍जे वाले अक्‍साई चिन इलाके में पिछले 30 दिनों में बड़े पैमाने पर सैनिकों को तैनात किया है और बहुत तेजी के साथ सड़कों का निर्माण कर रही है। यही नहीं चीन ने पैंगोंग झील के फिंगर 6 से 8 को जोड़ने वाली रोड को भी चौड़ा किया है ताकि किसी युद्धक कार्रवाई की सूरत में बहुत तेजी से चीनी सेना को भारतीय मोर्चे के पास तक पहुंचाया जा सके।

मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना की इस कार्रवाई से स्‍पष्‍ट संकेत मिलता है कि वह अक्‍साई चिन में लंबे समय तक डटे रहने की तैयारी कर रही है। साथ ही भारत के साथ बातचीत के बाद भी उस पर दबाव बनाए रखना चाहती है। भारत और चीन की सेना के बीच सैनिकों को पीछे हटाने और तनाव को घटाने के लिए बहुत जल्‍द ही बातचीत होने वाली है।

10-10 बंकर बना रही चीन की सेना
भारतीय सैन्‍य सूत्रों ने बताया कि पीएलए कराकोरम पास से 30 किमी दूर समर लुंगपा और रेचिन ला के दक्षिण में स्थित माउंट साजूम में 10-10 बंकर बना रही है। यही नहीं चीनी सेना की नजर रणनीतिक रूप से बेहद अहम दौलत बेग ओल्‍डी हवाई पट्टी पर भी है। पीएलए दौलत बेग ओल्‍डी से 70 किमी पूर्व में स्थित किजिल जिलगा में अपने सैनिकों की तैनाती को बढ़ा रही है।

इन सभी जगहों पर भारत और चीन के बीच एलएसी को लेकर गंभीर मतभेद हैं। किजिल जिल्‍गा चीनी सेना का बड़ा सैन्‍य ठ‍िकाना है। भारतीय रक्षामंत्रालय के एक धड़े का मानना है कि जल्‍द ही चीन की सेना वापस हो सकती है लेकिन यह खुफिया सूचना उनकी सोच के ठीक उलट है। अगर ऐसा हुआ तो भारतीय सेना को जमा देने वाली ठंड के बीच बने रहना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक चूशूल से ठीक दक्षिण में चीन के 60 हैवी उपकरण देखे गए हैं।

रणनीतिक सड़कों का जाल बिछा रहा चीन

चीन ने पूरे लद्दाख सीमा पर निगरानी उपकरण लगा रखे हैं। चीन के टैंक को ले जाने वाले ट्रांसपोर्टर गोबक में देखे गए हैं। यही नहीं चीन ने अक्‍साई चिन के रुडोग, मपोथेंग, सुमक्‍सी और डेमचोक के उत्‍तरी-पूर्वी इलाके में स्थित पश्चिमी चांग ला में फिर से सैनिकों की तैनाती की है। चीन ने एलएसी के आसपास बड़े पैमाने पर रणनीतिक सड़कों का जाल बिछा रहा है।

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