छात्र की मौत: गुस्साएं लोगों का स्कूल पर प्रदर्शन

ऋषिकेश। देर शाम स्कूल की दीवार गिरने से छात्र की मौत से गुस्साए सैकड़ों स्थानीय लोगों ने गुरुवार की सुबह विद्यालय में प्रदर्शन करने के बाद देहरादून रोड कोतवाली के समीप प्रदर्शन कर सड़क पर जाम लगा दिया। इसी दौरान मौके पर पहुंची नगर निगम मेयर अनीता ममगाई के वाहन का लोगों ने घेराव किया। वहीं स्थानीय नागरिकों ने मेयर व स्थानीय विधायक के खिलाफ रोष प्रकट भी किया तथा उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिसके चलते महापौर को गाड़ी से उतर कर दुपहिया वाहन से जाना पड़ा। स्थानीय लोग व छात्र के पिता ने स्कूल के प्रधानाचार्य व शिक्षा विभाग के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुष्कर मंदिर मार्ग पर स्थित राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय की बुधवार की देर शाम दीवार गिरने से एक छात्र की मौत के मामले में जिलाधिकारी देहरादून द्वारा मजिस्ट्रेट जांच बैठाने के बाद स्थानीय प्रशासन गुरुवार की सुबह हरकत में आया।
उप जिलाधिकारी प्रेमलाल, तहसीलदार रेखा आर्य, लेखपाल सतीश जोशी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। यहां पर उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से जानकारी जुटाई। उप जिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि प्रथम दृष्टया पता चला है कि जो दीवार गिरी है वह दीवार नीचे छह फीट बनी थी। उसके ऊपर दूसरी दीवार बना दी गई। उन्होंने बताया कि सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। गुरुवार की सुबह घटनास्थल से सटे प्राथमिक विद्यालय और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बच्चे पहुंचने लगे हैं। घटनास्थल का मंजर देखकर बच्चे स्तब्ध नजर आ रहे हैं। उधर हादसे में मृत छात्र केतन के घर पर स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी, वही उपस्थित लोगों में शिक्षा विभाग और प्रशासन को लेकर भारी गुस्सा है।

 

जनप्रतिनिधियों की लापरवाही ने ली छात्र की जान
बुधवार की देर शाम तीर्थनगरी के पुष्कर मंदिर मार्ग पर स्कूल की दीवार गिरने के पीछे कही न कही जनप्रतिनिधियों की खामियां ही नजर आयी है जिन्हें बीते अक्टूबर माह से ही कई पत्रों के माध्यम से दीवार गिरने के सम्भावना व्यक्त की जा चुकी थी लेकिन किसी ने भी मामले में गम्भीरता नही दिखाई और एक मासूम व होनहार छात्र की जान चली गयी।
आपको बताते है जनप्रतिनिधियों के साथ हुए पत्र व्यवहार के बारे में स्कूल के प्रधानाचार्य भीष्म सिंह राजपूत ने कब-कब जिम्मेदार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत करा दिया था। वहीं बीते लगभग चार माह पूर्व 22 अक्टूबर 2019 को नगर निगम मेयर को पत्र लिख समस्या से अवगत कराया गया था। फिर प्रधानाचार्य ने 30 अक्टूबर 2019 को उप-शिक्षाधिकारी डोईवाला को पत्र भेजा जिस पर कोई कार्यवाही न होने कारण फिर 11 नवम्बर 2019 को खण्ड विकास अधिकारी को पत्र भेजा गया, जिसके बाद 13 व 23 तथा 27 नवम्बर को दो अलग-अलग बार परमार्थ निकेतन को मामले से अवगत कराया गया साथ ही 23 नवम्बर को ही स्थानीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र के माध्यम से दीवार की स्थिति से अवगत कराया गया लेकिन किसी भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने कोई जिम्मेदारी नही समझी। जिसके चलते लगभग 120 फिट लम्बी दीवार ढह गयी और एक मासूम व होनहार छात्र काल के ग्रास में समा गया तथा एक महिला व एक पुरूष गम्भीर घायल हो गये फिर भी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की नींद नही टूटी।

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