डिपो से पेट्रोल पंप तक पहुंचने के बीच टैंकरों से पेट्रोल व डीजल चोरी रोकने की दिशा में बढ़ाए कदम….

डिपो से पेट्रोल पंप तक पहुंचने के बीच टैंकरों से पेट्रोल व डीजल चोरी रोकने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। दिसंबर तक टैंकरों में डिजिटल लॉक लगने शुरू हो जाएंगे। वाराणसी में प्रयोग सफल होने के बाद अब इसे कानपुर में शुरू करने की तैयारी है। कानपुर में यह व्यवस्था शुरू होने से लखनऊ समेत आसपास के 11 जिलों के पेट्रोल पंप मालिकों को लाभ मिलेगा।

कानपुर पेट्रोल व डीजल सप्लाई का बड़ा केंद्र है। यहां भारत पेट्रोलियम, ङ्क्षहदुस्तान पेट्रोलियम व इंडियन ऑयल तीनों के डिपो हैं। इन डिपो से कानपुर नगर, कानपुर देहात, लखनऊ, बाराबंकी, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा समेत 11 जिलों को टैंकरों के जरिये पेट्रोल व डीजल की सप्लाई की जाती है। बात सिर्फ कानपुर नगर की करें तो यहां पेट्रोल व डीजल की अच्छी खपत है। डेढ़ सौ पेट्रोल पंपों पर यहां हर माह करीब 2.8 करोड़ लीटर डीजल व 1.2 करोड़ लीटर पेट्रोल की खपत होती है। अभी टैंकर के ताले में दो चाबी लगती हैं। एक चाबी से डिपो से टैंकर के चलते समय अधिकारी ताला लगा देते हैं, जबकि दूसरी चाबी पेट्रोल पंप मालिक के पास रहती है। वह उससे टैंकर का ताला खोलता है। बावजूद इसके रास्ते में टैंकर से ईंधन की चोरी हो जाती है।

ओटीपी से खुलेगा ताला

डिजिटल लॉक लगने के बाद ताला तब खुलेगा जब वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) डाला जाएगा। यह पासवर्ड पेट्रोल पंप मालिक या अधिकृत प्रतिनिधि के मोबाइल पर आएगा।

सिस्टम जेनरेट करेगा पासवर्ड

टैंकरों में दो डिजिटल लॉकर होंगे। ओटीपी कंप्यूटर सिस्टम से जेनरेट होगा, इसलिए किसी और को जानकारी भी नहीं हो सकेगी।

इनका ये है कहना

दिसंबर में कानपुर में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसके बाद गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रह जाएगी। ओटीपी की जानकारी सिर्फ पेट्रोल पंप मालिक या अधिकृत प्रतिनिधि के पास रहेगी।

-कमल सिंह नेगी, प्रभारी, भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड

अधिकांश पेट्रोल पंप मालिकों को आशंका है कि पेट्रोल और डीजल की टैंकर से चोरी हो रही है। इसको लेकर विवाद भी हुए। डिजिटल लॉकर लगने के बाद ऐसे विवाद खत्म हो जाएंगे।

-सुनील शरण गर्ग, महामंत्री, हाईस्पीड डीजल एंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन 

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