दक्षिण चीन सागर में ‘कब्‍जा’ जमाने के बाद अब चीनी ड्रैगन की नजर हिंद महासागर पर, किलर पनडुब्बियों के लिए ढूढ़ रहा रास्‍ता

पेइचिंग
दक्षिण चीन सागर में पर ‘कब्‍जा’ जमाने के बाद अब चीनी ड्रैगन की नजर हिंद महासागर पर हो गई है। चीन पिछले दो साल से अपने खुफिया सर्वे जहाज की मदद से भारत की नाक के नीचे जासूसी करने में व्‍यस्‍त है। जासूसी करने के दौरान चीनी जहाज अपने निगरानी उपकरणों को बंद कर देता है ताकि वह भारत या किसी अन्‍य देश की नजर में न आ सके। चीन की इस करतूत का खुलासा उस समय हुआ जब इंडोनेशिया के अधिकारियों ने हाल ही में चीन के इस सर्वे जहाज को अपने देश की जलसीमा के पास पकड़ा।

इससे पहले चीन का पानी के अंदर चलने वाला एक जासूसी ड्रोन विमान इंडोनेशिया की सीमा के पास पाया गया था। चीन के इस सर्वे करने वाले जासूसी विमान का नाम शियांग यांग होंग 03 है। यह जहाज 6 जनवरी को चीन के हैनान द्वीप के सान्‍या ठिकाने से निकला था। इस जहाज इंडोनेशिया के कोस्‍ट गार्ड ने 11 जनवरी को सुंडा स्‍ट्रेट के पास पकड़ा था। इस बेहद महत्‍वपूर्ण स्‍ट्रेट से गुजरने वाले हर जहाज के लिए जरूरी है कि वह अपने ऑटोमेटेड इन्‍फॉरमेशन सिस्‍टम को चालू रखना होता है लेक‍िन चीनी जहाज ने ऐसा नहीं किया था।

चीनी दल ने स‍िस्‍टम खराब होने का बनाया बहाना
इंडोनेशिया के कोस्‍ट गार्ड ने जब उनसे पूछताछ की तो चीनी दल ने बहाना बनाते हुए कहा कि उनका सिस्‍टम खराब हो गया है। इंडोनेशिया ने सभी तरह के जहाजों के लिए जरूरी किया है कि वे एसआईएस को चालू रखें और किसी भी तरह का समुद्री शोध न करें। इंडोनेशियाई कोस्‍ट गार्ड ने बताया कि चीनी सर्वे जहाज ने दो बार अपने ट्रांसपोंडर को बंद किया। इससे पहले इंडोनेशिया के पास समुद्र के अंदर मछुआरों को एक खुफिया चीनी ड्रोन मिला था।

पिछले दो साल यह तीसरा मौका है जब चीन का यह जासूसी ड्रोन ‘हिंद महासागर का दरवाजा’ कहे जाने वाले इंडोनेशिया के पास मिला है। चीन की सीमा से इतना दूर समुद्र के अंदर ड्रोन मिलने से इस बात को लेकर आशंका बढ़ गई है कि चीनी सेना खुफिया तरीके से दक्षिण चीन सागर से हिंद महासागर में प्रवेश करने के रास्‍ते की जांच कर रही है। रक्षा वेबसाइट द ड्राइव की रिपोर्ट के मुताबिक इस ड्रोन के जरिए मिली सूचना की मदद से चीन की किलर पनडुब्बियां पानी के अंदर डूबकर आसानी से हिंद महासागर तक का अपना रास्‍ता तय कर सकती हैं।

चीनी सर्वे जहाज भारत, ऑस्‍ट्रेलिया के लिए टेंशन
चीन के इस खुफिया ड्रोन को सेलयार द्वीप समूह के पास पाया गया है। यह द्वीप इंडोनेशिया के दक्षिणी सुलवेसी प्रांत का हिस्‍सा है। रक्षा व‍िशेषज्ञों के मुताबिक सुलवेसी द्वीप के पास से ही सूंडा स्‍ट्रेट और लोमबोक स्‍ट्रेट का रास्‍ता जाता है। युद्ध की सूरत में अगर भारतीय और अमेरिकी नौसेना मलक्‍का स्‍ट्रेट का रास्‍ता बंद कर देती हैं तो चीन के पास सूंडा स्‍ट्रेट और लोमबोक स्‍ट्रेट के जरिए हिंद महासागर में घुसने का विकल्‍प मौजूद रहेगा।

चीनी सर्वे जहाज और ड्रोन म‍िलने के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इंडोनेशिया के जलक्षेत्र में खुफिया सूचनाएं इकट्ठा कर रहा है। उन्‍होंने कहा क‍ि अगर चीनी पनडुब्बियां हिंद महासागर में आना चाहती हैं तो उन्‍हें सबसे सुरक्षित रास्‍ता तलाश करना होगा और इसके लिए उन्‍हें व्‍यापक सर्वेक्षण करना होगा। इसी उद्देश्‍य को पूरा करने के लिए चीनी सर्वे जहाज पिछले दो साल में कई बार हिंद महासागर में आया है। नवंबर 2019 में यह जहाज सुंडा स्‍ट्रेट से घुसकर बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार तक आ गया था। यह पूरा इलाका भारत और ऑस्‍ट्रेलिया की पनडुब्बियों के लिए बेहद अहम है।

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