नौसेना में 23 साल बाद फिर से शुरू की गई महिलाओं को तैनात करने की प्रक्रिया

-आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस दीपक पर तैनात हुईं दो-दो महिला अधिकारी 
-तैनाती से पहले युद्धपोतों में महिला अधिकारियों के लिए अलग से इंतजाम किया गया  -नौसेना में 23 साल बाद फिर से शुरू की गई महिलाओं को तैनात करने की प्रक्रिया


नई दिल्ली । भारतीय नौसेना में महिलाओं की तैनाती युद्धपोतों पर किये जाने की ठहरी हुई प्रक्रिया 23 साल बाद फिर से शुरू की गई है। इससे पहले 1997 में महिला अधिकारियों की तैनाती युद्धपोतों पर शुरू की गई थी लेकिन दो साल बाद यह प्रक्रिया ठप हो गई। अब फिर से यह प्रक्रिया शुरू करके चार महिला अधिकारियों की तैनाती दो युद्धपोतों पर की गई है। अब तक महिला ऑफिसर एयरक्राफ्ट डोर्नियर और पी-8आई में ही ऑब्जर्वर रही हैं। अब नौसेना के किसी भी हेलिकॉप्टर का ‘मिशन’ युद्धपोत से ही संचालित होगा। इस तरह महिला ऑफिसर पहली बार युद्धपोत पर लड़ाकू भूमिका में तैनात रहेंगी।  

 नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 23 साल बाद महिला अधिकारियों की एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस दीपक पर तैनाती करने का फैसला लिया गया। महिलाओं की तैनाती से पहले युद्धपोत पर उनके रहने लायक जरूरी बदलाव किए गए। नेवी अधिकारी के मुताबिक एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य और फ्लीट टैंकर दीपक दोनों ही बड़े साइज के हैं। इसलिए इनमें कुछ बदलाव करके महिला अधिकारियों के लिए अलग से इंतजाम किया गया। इसे बाद दो महिला अधिकारियों को एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रमादित्य पर और दो महिला अधिकारियों को फ्लीट टैंकर दीपक पर तैनात किया गया है। तैनात की गईं चारों महिला अधिकारी लॉजिस्टिक और मेडिकल ऑफिसर हैं। 


इससे पहले भारतीय नौसेना ने 1997 में महिला अधिकारियों की युद्धपोतों में तैनाती शुरू की थी लेकिन दो साल बाद ही यह प्रक्रिया रुक गई। इसके बाद अब पहली बार महिला अधिकारियों की वॉरशिप में तैनाती की गई है। आईएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट कैरियर है और आईएनएस दीपक फ्लीट टैंक है। फ्लीट टैंकर वॉरशिप को समुद्र में तैनाती के दौरान ही ईंधन और राशन-पानी उपलब्ध कराता है। कुछ वक्त पहले ही नौसेना में दो महिला अधिकारी हेलिकॉप्टर ऑब्जर्वर के तौर पर क्वॉलिफाई हुई हैं। ये महिला अधिकारी वॉरशिप भी ऑपरेट करेंगी। इन्हें नेवी के वॉरशिप पर क्रू के तौर पर तैनात किया जाएगा।

हेलिकॉप्टर ऑब्जर्वर एक लड़ाकू भूमिका है जो किसी भी युद्ध के दौरान मिशन को पूरा करने के लिए नेविगेशन सहित टेक्निकल जरूरतें पूरी करते हैं।  इसके अलावा नौसेना ने महिला अधिकारियों को सी गोइंग रोल यानी समंदर में ड्यूटी देने के लिए नए ट्रेनिंग शिप लेने की प्रक्रिया भी शुरू की है, जिसमें महिला अधिकारियों के लिए अलग से इंतजाम होगा।

अब नौसेना ने आर्मी के जवान की तरह सेलर रैंक पर भी महिलाओं की भर्ती के लिए सैद्धांतिक सहमति दी है। इसके लिए अध्ययन किया जा रहा है कि कितनी महिलाओं की भर्ती की जा सकती है और उन्हें किस तरह प्रशिक्षित करके किस शाखा में तैनाती दी जा सकती है। यह अध्ययन पूरा होने के बाद शीर्ष स्तर पर होने वाले समीक्षा के आधार पर ही महिलाओं की भर्ती के बारे में फैसला लिया जाएगा। 

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