पहले ब्रेक के लिए फ्लाइट मिस कर दिए थे खिलाड़ी, फिर फिल्मी तरीके से मिली बॉलीवुड में एंट्री!

अक्षय कुमार आज बॉलीवुड के उस मुकाम पर हैं, जहां आज के सारे हीरो उनके ट्रैक रिकॉर्ड के सामने ज़ीरो नजर आते हैं. पिछले तीन सालों में अक्षय ने कोई फ्लॉप फिल्म नहीं दी, जबकि सलमान खान और शाहरुख़ खान को भी इन दिनों नाकामयाबी का मुंह देखना पड़ रहा है. अक्षय कुमार का नाम अब बॉक्स ऑफिस पर कामयाबी की गारंटी बन चुका है. लेकिन ये मुकाम हासिल करने के लिए अक्षय ने बॉलीवुड में लंबा संघर्ष किया है. संघर्ष के दिनों में उन्हें अपना पहला पोर्टफोलियो बनाने के लिए 18 महीने तक बिना सैलरी के असिस्टेंड का काम करना पड़ा ताकि वो उसकी कीमत चुका सकें.

अक्षय कुमार हांगकांग में शेफ की नौकरी करते थे. लेकिन जुडो कराटे में उनकी महारथ और स्मार्टनेस को देखकर उनके दोस्तों ने उन्हें हिंदी फिल्मों में किस्मत आजमाने की सलाह दी, जिसे गंभीरता से लेते हुए अक्षय मुंबई आ गए. शुरुआती दौर में अक्षय कुमार ने फिल्म स्टूडियोज के खूब चक्कर काटे. यहां तक कि काम मांगने राजेश खन्ना के पास भी गए, जो उन दिनों अपनी फिल्म ‘जय जय शिवशंकर’ के निर्माण की तैयारी कर रहे थे. लेकिन राजेश खन्ना ने तो उन्हें काम देना तो दूर मिलने से भी इंकार कर दिया. काफी कोशिशों के बाद उन्हें मॉडलिंग का एक असाइनमेंट मिला जो बैंगलूर में शूट होना था. जब अक्षय फ्लाइट पकड़ने एयरपोर्ट जा रहे थे तो ट्रैफिक में फंस गए और फ्लाइट मिस हो गयी और ये assignment भी उनके हाथ से निकल गया. अक्षय कुमार मन मसोस कर रह गए.

दोस्तों की सलाह पर अक्षय ने पोर्टफोलियो बनाने का निश्चय किया और मशहूर फोटोग्राफर जयेश सेठ के पास पहुंचे. लेकिन सेठ ने मोटी रकम के बावजूद उनका पोर्टफोलियो बनाने से इंकार कर दिया. सेठ ने उनके सामने शर्त रखी कि उन्हें उनके अस्सिस्टेंट के रूप में काम करना होगा तभी वो उनका पोर्टफोलियो बनाएंगे. सेठ की बॉलीवुड में काफी पहुंच थी. अक्षय ने भविष्य में इससे होने वाले फायदे को देखते हुए उनकी ये बात मान ली और उनके अस्सिस्टेंट बन गए. आखिरकार सेठ ने उनका पोर्टफोलियो बना ही दिया, लेकिन इसके लिए अक्षय को उनके पास 18 महीनों तक बिना पगार के काम करना पड़ा.

अक्षय कुमार की ये बिना पगार वाली नौकरी उस समय रंग लाई. जब जयेश सेठ ने निर्माता-निर्देशक प्रमोद चक्रवर्ती से उनकी सिफारिश की. चक्रवर्ती उन दिनों फिल्म ‘दीदार’ का निर्माण कर रहे थी. सेठ की सिफारिश पर उन्होंने अक्षय कुमार को बॉलीवुड में पहला ब्रेक दिया. फिल्म तो कुछ ख़ास नहीं कर पाई लेकिन अक्षय कुमार को लोगों ने पसंद किया. अक्षय को कामयाबी के लिए अब्बास-मस्तान की फिल्म ‘खिलाड़ी’ तक का इंतज़ार करना पड़ा. 1992 में रिलीज हुई इस फिल्म ने अक्षय कुमार को एक कामयाब नाम बना दिया और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

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