पिछले दो सालों में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन कैसा रहा है?

मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित होंगे। एग्जिट पोल्स में इस बार बिहार में सत्ता परिवर्तन के संकेत दिखाई दे रहे हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनावी मैदान में उतरी भाजपा अगर बिहार जीतने में कामयाब नहीं होती है तो यह इस साल उसकी दूसरी हार होगी।

आइये, उससे पहले के कुछ विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर नजर डालते हैं।

न राज्यों में हुई थी हार

दो साल पहले यानी नवंबर-दिसंबर, 2018 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे।

इनमें से तीन राज्यों में भाजपा की सरकार थी, लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए तो तस्वीर बदल गई।

मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तो पिछले 15-15 सालों से भाजपा का राज था।

वहीं मिजोरम और तेलंगाना में भाजपा को खास सफलता नहीं मिली थी।

2019 में अरुणाचल प्रदेश में बनाई सरकार

तीन राज्यों की हार को भुलाते हुए भाजपा 2019 में लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी विजय हासिल की। 2019 के विधानसभा चुनावों में पेमा खांडू पहली बार कमल के निशान पर चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने।

महाराष्ट्र, झारखंड में हारी; हरियाणा में सत्ता बची

पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव हुए थे। इनमें से केवल हरियाणा ऐसा राज्य है, जहां भाजपा अपनी सरकार बचाने में सफल रही। हालांकि, यहां भी उसे गठबंधन की जरूरत पड़ी है।  बाकी दोनों राज्यों में भाजपा अपनी सरकार नहीं बना सकी। पार्टी को सबसे बड़ा झटका महाराष्ट्र में लगा, जहां सबसे ज्यादा सीट जीतने के बावजूद भाजपा सरकार नहीं बना सकी और उसे अपने पुरानी सहयोगी शिवसेना को भी गंवाना पड़ा।

महाराष्ट्र में शिवसेना ने NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर पलटी बाजी

महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।  चुनाव के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर भाजपा का साथ छोड़ दिया और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।  भाजपा ने यहां जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने की कोशिश की और देवेंद्र फडणवीस को बिना बहुमत के मुख्यमंत्री पद की शपथ भी दिला थी, लेकिन तीसरे दिन ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

हरियाणा में गठबंधन कर बनाई सरकार

झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और रघुबर दास लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने से चूक गए।  यहां पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और हेमंत सोरेन राज्य के नए मुख्यमंत्री बने।  वहीं हरियाणा में भाजपा अकेले दम पर बहुमत नहीं पा सकी और उसने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ मिलकर सरकार बनाई।  यहां मनोहर लाल खट्टर लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।

दिल्ली में मिली करारी हार

इस साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली भाजपा को यहां महज आठ सीटों से संतोष करना पड़ा।

बिहार के एग्जिट पोल्स क्या कहते हैं?

शनिवार को बिहार विधानसभा चुनाव की वोटिंग पूरी होने के बाद आए एग्जिट पोल्स बिहार में इस बार नई सरकार के संकेत दे रहे हैं।  ज्यादातर एग्जिक्ट पोल्स में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन के आगे रहने का अनुमान लगाया गया है, वहीं जनता दल और भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है। किस एग्जिक्ट पोल में क्या अनु्मान लगाया गया है, आप यहां टैप कर जान सकते हैं।

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