प्रयागराज में अपहरण के बाद कपड़ा कारोबारी की हत्या, दो दिन बाद घर में गूंजने वाली थी शहनाई

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अपहरण के बाद कपड़ा कारोबारी की हत्या कर दी गई। रविवार को उसका नैनी इलाके में शव मिला। जैसे ही यह खबर परिवार तक पहुंची, सभी बिलखने लगे। कारोबारी शुक्रवार रात 9 बजे दुकान बंद कर साइकिल से घर जा रहा था। लेकिन अमृत कलश अस्पताल के समीप से उसका अपहरण हो गया था। पुलिस ने गमछे से गला घोंटकर हत्या किए जाने की पुष्टि की है। वहीं, मेजा रोड पुलिस इस प्रकरण में तफ्तीश ही करती रह गई। इससे कारोबारियों में आक्रोश है। कारोबारियों ने पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। कहा है कि तय समय के भीतर हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

चार भाइयों में बड़ा था विजय
मेजा थाना क्षेत्र के सिरसा कपसहाई मोहल्ला निवासी विजय कुमार केशरी चार भाइयों में बड़ा था। वह मेजा रोड में कपड़े की दुकान चलाता था। चारों भाइयों का संयुक्त परिवार है। विजय की पत्नी सुधा केशरी, एक बेटा व दो ब‌ेटियां हैं। उसके साथ उसका छोटा भाई विनय केशरी भी दुकान पर बैठता था। विनय केशरी रोज बाइक से घर आता जाता था, जबकि विजय कुमार साइकिल से चलता था। रोज की भांति 27 नवंबर की शाम को विनय बाइक से घर चल गया था, जबकि विजय साइकिल से घर जा रहा था। लेकिन देर रात तक वह घर नहीं पहुंचा। घरवालों ने उसकी खोजबीन शुरू की तो दुकान से डेढ़ किमी की दूरी पर अमृत कलश हॉस्पिटल (सिरसा पुलिस चौकी) के समीप उसकी साइकिल व टूटा हुआ चश्मा मिला। तब से परिजन परेशान थे।

आशंका थी कि कार सवार लोगों ने उसे अगवा कर लिया है। 28 नवंबर को सुबह परिजनों ने मेजा थाने में अज्ञात के खिलाफ विजय के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया और दोपहर बाद उसकी लाश नैनी कोतवाली क्षेत्र के मड़ौका बांध के नीचे 8 फीट गड्ढे में पड़ी मिली। उस वक्त उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी। उसका मोबाइल, पर्स सब गायब था। सिर्फ 10 रुपए की एक नोट और कुछ सिक्के मिले थे। मोबाइल के जरिए ही पुलिस कातिलों तक पहुंचने की जद्दोजहद में जुटी है। इसलिए पुलिस ने अज्ञात में ही शव का पंचायतनामा करके पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। 29 नवंबर को सुबह परिजनों ने उसकी शिनाख्त की तो घर में कोहराम मच गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई। हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है ‌कि कारोबारी को अगवा किसने और क्यों किया? सूत्रों की मानें तो पनासा, करछना के तीन लड़कों को पुलिस ने शक के आधार पर उठाया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

क्या हत्या के पीछे किसी महिला का भी है हाथ?

विजय केशरी अपहरण एवं हत्याकांड को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं, जिनका उत्तर असली गुनाहगार के पकड़े जाने के बाद ही तय होगा। मसलन अपहरणकर्ता कौन थे? उसका हाथ दुपट्टे से बंधा था, तो क्या जिस वाहन से विजय का अपहरण हुआ, उसमें कोई महिला मौजूद थी। क्या इस हत्या के पीछे किसी महिला का हाथ है? मेजा रोड में दुकान के पास करीब डेढ़ साल पहले खरीदी गई जमीन का ‌तो कोई विवाद नहीं था, क्योंकि शक की सुई खास लोगों की तरफ भी जा रही है।‌ विजय के छोटे भाई विनय ने बताया कि एक हफ्ते पहले खानपुर गांव के समीप से उसे भी अगवा करने का प्रयास किया गया था। कार सवार लोगों ने उसे किडनैप करने की कोशिश की थी, हालांकि वह बच गया था। लेकिन जब उससे पूछा गया कि क्या उसने पुलिस को सूचना दी थी, तो उसने कहा नहीं। विजय केशरी के अपहरण और हत्या की गुत्थी सुलझाने का जिम्मा नैनी पुलिस ने मेजा पुलिस के हाथों सौंप दिया है।

खुशियों के आंगन से उठने लगी मातम की चीत्कार
विजय केशरी के सबसे छोटे भाई विनय केशरी की शादी तय थी। तीन दिन बाद एक दिसंबर को उसकी बारात जानी थी। पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। घर परिवार के लोग शादी की तैयारियों में जुटा था। बहन बेटियों का आना जाना शुरू हो गया था। आंगन में खुशियां गूंज रही थीं, लेकिन रविवार को‌ विजय की हत्या की वजह से खुशियों के आंगन से मातम की चीत्कार उठने लगी।

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