फ्रांस ने भारत को सौंपे 5 और राफेल फाइटर जेट, चीनी J-20 का करेंगे सर्वनाश

29 जुलाई 2020 को 5 राफेल फाइटर जेट भारत की धरती पर उतरे थे. भारत ने इन्हें फ्रांस से खरीदा था. इनके आने से भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ. चीन और पाकिस्तान की रातों की नींद हराम हो गई. अब भारत को फ्रांस से 5 और राफेल लड़ाकू विमानों की खेप मिल गई है. इस दूसरे बैच में शामिल पांचों विमान अभी फ्रांस की धरती पर ही मौजूद हैं. माना जा रहा है कि अक्टूबर में ये राफेल विमान भारत पहुंचेंगे. इन विमानों को पश्चिम बंगाल में स्थित कलईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया जाएगा. जो चीन से लगती पूर्वी सीमा की रखवाली करेंगे. राफेल के पहले बैच में शामिल पांच विमानों को 10 सितंबर को एक औपचारिक कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था.

भारत में फ्रांस के राजदूत इमेनुअल लेनिन ने कहा कि राफेल फाइटर जेट के दूसरे बैच को भारत को सौंप दिया गया है. ये विमान अभी फ्रांस में हैं, अब भारतीय वायुसेना पर यह निर्भर है कि वे कब इन विमानों को भारत लाते हैं. उन्होंने भारतीय वायुसेना के पायलटों की तारीफ करते हुए उन्हें उत्कृष्ट करार दिया.

चीन से लगती सीमा में चरम तापमान को देखते हुए इस विमान में भारत ने अपने हिसाब से कुछ मोडिफिकेशन भी करवाएं हैं. जिससे कम तापमान में भी यह विमान आसानी से स्टॉर्ट हो सकता है. पहले बैच में भारत पहुंचे 5 राफेल विमानों के 250 घंटे से भी ज्यादा की उड़ान और फील्ड फायरिंग टेस्ट किए जा चुके हैं. इन विमानों को अंबाला में 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन में शामिल किया गया है.

चीन के जे-20 पर भारी पड़ेगा राफेल
भारतीय राफेल के मुकाबले में चीन का चेंगदू J-20 और पाकिस्‍तान का JF-17 लड़ाकू विमान हैं. मगर ये दोनों ही राफेल के मुकाबले थोड़ा कमतर हैं. चीनी J-20 का मेन रोल स्‍टील्‍थ फाइटर का है, वहीं राफेल को कई कामों में लगाया जा सकता है. J-20 की बेसिक रेंज 1,200 किलोमीटर है. जिसे 2,700 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है. J-20 की लंबाई 20.3 मीटर से 20.5 मीटर के बीच होती है. इसकी ऊंचाई 4.45 मीटर और विंगस्‍पैन 12.88-13.50 मीटर के बीच है यानी यह राफेल से खासा बड़ा है. पाकिस्‍तान के पास मौजूद JF-17 में चीन ने PF-15 मिसाइलें जोड़ी हैं मगर फिर भी यह राफेल के मुकाबले में कमजोर है.

अगले साल के अंत तक भारत आ जाएंगे सभी राफेल
भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए सौदा किया था. 36 राफेल विमानों में से 30 लड़ाकू विमान होंगे और छह प्रशिक्षण विमान. प्रशिक्षण विमानों में दो सीट होंगी और उनमें लड़ाकू विमान वाली लगभग सभी विशेषताएं होंगी. राफेल विमान, रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद 23 वर्षों में लड़ाकू विमानों की भारत की पहली बड़ी खरीद है.

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