बिहार का बजट: वित्त मंत्री ने 55 मिनट में पेश किया 2,18,303 करोड़ रुपये का बजट, 20 लाख से ज्यादा रोजगार होंगे सृजित

बिहार के डिप्टी CM सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2 लाख 18 हजार 303 करोड़ रुपए का अनुमानित बजट पेश किया है। उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में बिहार सरकार की कुल आय 2 लाख 18 हजार 502 करोड़ रहने की बात कही है। राजकोषीय घाटा 3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। भास्कर ने पहले ही बता दिया था कि इस बार बजट का आकार पिछले साल के आसपास ही रहेगा। कोरोना महामारी के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। इसका असर भी दिखा। बिहार का इस बार का बजट पिछले वर्ष के मुकाबले 3.03 फीसदी ही बढ़ा है।

बिहार बजट भाषण की मुख्य बातें :

  • पशुओं के लिए हर 8-10 पंचायत पर अस्पताल बनाया जाएगा। इनको टेलीमेडिसिन की भी सुविधा दी जाएगी। देशी गोवंश के लिए ‘गोवंश विकास संस्थान’ की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 500 करोड़ का बजट दिया गया है।
  • दिल में छेद वाले बाल मरीजों का मुफ्त इलाज कराएंगे। इस योजना के लिए 300 करोड़ का प्रावधान।
  • किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था की गई। हर खेत में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
  • हर गांव में सोलर लाइट लगाई जाएगी। सभी गांव में सोलर स्ट्रीट लाइट के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान है।
  • कृषि के लिए 550 करोड़ का प्रावधान।
  • महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 200 करोड़ का प्रावधान।
  • वाटर ड्रेनेज के लिए 150 करोड़ का प्रावधान।
  • 20 लाख से ज्यादा रोजगार के नए अवसर सृजित किये जाएंगे।
  • 5 जिलों में फार्मेसी कॉलेज खोले जाएंगे।
  • राज्य में एक और नए इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
  • हर जिले में मेगा स्किल सेटर बना युवाओं के रोजगार के लिए मौके बढ़ाए जाएंगे।
  • बिहार में मछलीपालन को इतना बढ़ाया जाएगा कि यहां की मछली दूसरे राज्यों में जाएगी।

वित्त मंत्री ने जो कविताएं पढ़ी, वो हैं :

तार किशोर प्रसाद ने आज अपना पहला व नीतीश कुमार सरकार का सोलहवां बजट पेश किया। करीब 55 मिनट लंबे बजट भाषण की शुरुआत ”नजर को बदलो तो नज़ारे बदल जाते हैं…” पंक्तियों से की। इसके बाद बीच में अटल जी की कविता की दो पंक्तियां पढ़ी और भाषण का अंत संभावनाओं भरी एक और कविता से किया।

शुरुआत की –

”नजर को बदलो तो नजारे बदल जाते हैं, सोच को बदलो तो सितारे बदल जाते हैं, कश्तियां बदलने की जरूरत नहीं, दिशा को बदलो तो किनारे खुद ब खुद बदल जाते हैं।”

बीच में पढ़ा –

”बाधाएं आती हैं आएं, घिरें प्रलय की घोर घटाएं, पांवों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं, निज हाथों से हंसते-हंसते, आग लगाकर जलना होगा। कदम मिलाकर चलना होगा।”

अंत किया –

”उनकी शिकवा है कि मेरी उड़ान कुछ कम है… मुझे यकीन है कि ये आसमां कुछ कम है… वाकिफ कहां जमाना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गए आसमां से… रख हौसला वो मंजर भी आएगा… प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा… थककर न बैठ ए मंजिल के मुसाफिर… मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा।”

तेजस्वी ट्रैक्टर से विधानसभा गेट तक ही आ सके

इससे पहले आज बजट सत्र शुरू होते ही विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर हंगामा किया। हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ट्रैक्टर से विधानसभा के पास पहुंचे। लेकिन ट्रैक्टर को अंदर जाने की परमिशन नहीं मिली। इसके बाद कुछ दूर पैदल चलने के बाद तेजस्वी यादव अपनी गाड़ी से विधानमंडल परिसर पहुंचे।

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