बिहार में एग्जिट पोल हुए फेल, नीतीश की बनती दिख रही सरकार

 बिहार विधानसभा चुनावों में जो वोटों की गिनती के बाद रूझान नजर आ रहा है, उसमें एनडीए बहुमत की तरफ बढ़ता दिख रहा है। यानी महागठबंधन पिछड़ गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक बार क्या फिर से बिहार में जाति-धर्म-संप्रदाय अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहा, क्या कोरोना लॉकडाउन में बिहार के प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा को जनता भुला चुकी है, फिलहाल का रूझान देखकर तो यही लग रहा है।

राजद जिस तरह रोजगार, शिक्षा समेत तमाम मुद्दों को उठा रही थी और जनता मुखरता से जो राय व्यक्त कर रही थी, उससे स्पष्ट लग रहा था कि इस बार युवा तेजस्वी के सिर पर मुख्यमंत्री का ताज होगा। इसकी के आधार पर तमाम एग्जिट पोल भी सामने आये, जिसमें महागठबंधन जीतता नजर आ रहा था। यहां तक की भाजपाइयों ने भी स्वीकार लिया था कि इस बार भाजपा को बिहार में मुंह की खानी पड़ेगी।

राजनीतिक विश्लेषकों की राय में, जिस तरह फिलहाल चुनावों का रिजल्ट आ रहा है, उससे लग रहा है कि भाजपा का 370, कश्मीर, लव जेहाद, राममंदिर, मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का माहौल काम कर गया है और एक बार फिर से जनता ने साबित कर दिया है कि उसके लिए रोजी—रोटी, शिक्षा का सवाल मायने नहीं रखता, बल्कि वो हिंदूराष्ट्र, मंदिर-मस्जिद और हिंदू-मुस्लिम में ही खुश है।

गौरतलब है कि बिहार विधानसभा (Bihar Election Results) की सभी 243 सीटों पर आज सुबह 8 बजे से ही वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। बिहार में सीटों की कुल संख्या 243 है और बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा राज्य के सभी 38 जिलों में 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। बिहार चुनाव को लेकर अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए गठबंधन की हार और राजद नीत महागठबंधन की जीत का अनुमान लगाया गया है।

हालांकि जब पूरे नतीजे सामने आएंगे, तभी पता चल पाएगा कि एग्जिट पोल कितना सही साबित हो पाया है। मगर रुझानों में जिस तरह उलटफेर देखने को मिल रहा है, उससे हर कोई हैरान है।

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