बोइंग 737 विमानों की जांच में जो सामने आया है उसने उड़ा दिए सभी के होश…

विमान और रॉकेट बनाने वाली अमेरिकी कंपनी बोइंग (Boeing Aerospace company) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। पिछले साल अक्टूबर और इस साल मार्च में हुए हादसों के कारण पहले ही कंपनी के 737 मैक्स विमानों को उड़ान से बाहर कर दिया है। अब बोइंग के 38 पुराने विमानों के अहम हिस्से में क्रैक की बात सामने आई है। इसके चलते इन विमानों की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़ा हो गया है।

जांच में मिले क्रैक

अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) (Federal Aviation Administration is a governmental body of the United States ) ने बोइंग 737 (Boeing 737) एनजी विमानों की जांच के लिए दुनियाभर की एयरलाइंस को सात दिन का समय दिया था, जिसकी समयसीमा गुरुवार को खत्म हो गई। इस दौरान विभिन्न एयरलाइंस ने 810 विमानों की जांच की। इसमें उन्हें एनजी के उस हिस्से की जांच करनी थी, जहां से विमान के डैने (विंग्स) जुड़े होते हैं। बोइंग ने गुरुवार को कहा कि जांच में पांच फीसद विमानों के इस हिस्से में क्रैक मिले। कंपनी ने हालांकि यह बताने से इन्कार कर दिया कि किन एयरलाइंस को यह खामियां मिली हैं। लेकिन विमान की संरचना में गड़बड़ी के कारण कई एयरलाइंस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

सेवा से हटाए गए विमान

ब्राजील की एयरलाइंस गोल ने 11 विमानों को सेवा से हटा दिया है। जबकि अमेरिका की साउथवेस्ट एयरलाइंस ने दो विमान सेवा से हटाए हैं। एफएए के प्रवक्ता ने कहा कि बोइंग विमानों की मरम्मत के साथ ही जांच रिपोर्ट का विश्लेषण कर रही है। मरम्मत में करीब दो हफ्ते का समय लग सकता है। बोइंग 737 एनजी विमानों को 737 मैक्स से बदल रहा था। इंडोनेशिया की लॉयन एयर और इथोपिया एयरलाइंस के 737 मैक्स विमानों के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण इन विमानों की सेवा बंद कर दी गई थी। इन दोनों हादसों में 346 लोगों की मौत हुई थी। भारत ने भी बोइंग 737 मैक्‍स के विमानों की उड़ानों को प्रतिबंधित कर दिया था। स्‍पाइस जेट के पास इसके 12 और जेट एयरलाइंस के पास इसके पांच विमान थे। इतना ही नहीं मार्च में भारत ने विदशों से आने वाली बोइंग 737 की उड़ानों को अपने हवाई क्षेत्र में प्रवेश ने करने देने का भी फैसला लिया था।

737 मैक्स के डिजाइन में बदलाव की मंजूरी पर बवाल 

बोइंग 737 मैक्स विमानों की डिजाइन में बदलाव को मंजूरी देने के लिए एफएए को तीखी आलोचना झेलनी पड़ रही है। द ज्वाइंट टेक्निकल रिव्यू (जेएटीआर) पैनल ने अमेरिकी नियामक पर अपने ही नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। पैनल में शामिल विशेषज्ञों के अनुसार, एफएए ने डिजाइन में हो रहे बदलाव की निगरानी के लिए विशेषज्ञों की मदद नहीं ली और पुराने र्ढे पर चलते हुए नए डिजाइन को मंजूरी दे दी। मार्च में हुए हादसे के बाद इस पैनल का गठन किया गया था।

एक नजर इधर भी

आपको यहां पर ये भी बता दें कि बोइंग 737 मैक्स 8 को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है। यह इस  श्रेणी का सबसे उन्‍नत विमान है जिसकी कीमत करीब 5.7 करोड़ डॉलर यानी करीब 4 अरब रुपये है। यह विमान 210 यात्रियों के साथ एक बार में 6570 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। इस श्रेणी के विमानों को अगस्त 2011 में लॉन्च किया गया था, जबकि मई 2016 में इस विमान ने पहली बार उड़ान भरी थी।

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