भारत का समंदर में बजेगा डंका, पोत-पनडुब्बियों के जखीरे की होगी खरीदेगी

लद्दाख में चीन की चुनौती के बाद भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया. वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी सीमा पर तैनात हैं. हालात तनावपूर्ण हैं. भारत ने चीन की गीदड़ भभकी का सच पूरी दुनिया के सामने लाकर रख दिया है. भारत ने लद्दाख के इस तवाव के बाद अपनी सैन्य ताकत में जबरदस्त इजाफा किया है. थल सेना से लेकर वायु सेना तक अपने इंतजाम चौक चौबंद किए हैं. इस दौरान दर्जनों मिलाइलों का परीक्षण हुआ है. अब भारत अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने में जुटा है. केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि भारतीय नौसेना का 60 प्रतिशत से ज्यादा बजट पूंजीगत खर्च के लिए रखा गया है. इस पूंजीगत बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा देश से खरीद पर खर्च किया गया है.

रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि भारतीय नौसेना अगले दस साल में पोत और पनडुब्बियों की खरीद के 51 अरब डॉलर (3.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) के ऑर्डर निकाल सकती है. वह गोवा शिपयार्ड लि. (जीएसएल) और मझगांव डाक शिपबिल्डर्स लि. (एमडीएसएल) में संभावना विषय पर उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि भारतीय नौसेना का 60 प्रतिशत से ज्यादा बजट पूंजीगत खर्च के लिए रखा गया है. इस पूंजीगत बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा देश से खरीद पर खर्च किया गया है. इस तरह पिछले पांच साल में करीब 66,000 करोड़ रुपये की खरीद घरेलू स्तर पर की गयी है.

रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देशों और जियो पॉलिटिकल सिचुएशन को देखते हुए समंदर में देश की सुरक्षा महत्वपूर्ण हो गई है. इस काम में शिपयार्ड का रोल अहम होगा. बॉम्बे में हुए 26/11 हमले हर किसी को याद होगा. इस हमले के लिए आतंकी समंदर के रास्ते से ही आए थे. नाइक ने कहा कि हमारा समुद्र तट काफी विशाल है और इसकी सुरक्षा भी उतनी ही जरूरी है.

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