भारत की चीन से दो टूक- ‘हिमाकत की तो सीना छलनी कर देंगे हमारे सैनिक’

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आस-पास भारत और चीन की सेना का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है. हालात बेहद तनाव पूर्ण है. भारतीय सैनिकों ने चीन को इस इलाके में करारी शिकस्त दी है. चीन बौखलाया हुआ है. युद्ध की धमकी देता घूम रहा है. चीनी की सरकारी मीडिया भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटा है. इस पूरे विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच वार्ता भी हुई. इस बातचीत में भातर ने चीन से बिना लाग-लपेट कह दिया है कि हमारे सैनिक खुद की सुरक्षा और पूर्वी लद्दाख में अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. भारत ने बिल्कुल साफ-सुथरी भाषा में चीन से कहा कि अगर क्षेत्र में हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो हमारे सैनिक गोलियां चलाने से भी गुरेज नहीं करेंगे. कुल मिलाकर चीन को सीधा संदेश दे दिया गया है कि मजबूर किया गया तो भारत पीएलए सैनिकों को छलनी कर दिया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक चीन को साफ संदेश दिया गया है कि धक्का-मुक्की और झड़प की कार्रवाई अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्हें साफ समझा दिया गया है कि अगर चीनी सैनिकों की तरफ से पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो भारतीय सैनिक गोलियां चलाने में देर नहीं करेंगे.

हालांकि, दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर अतिरिक्त सैनिक भेजकर तनाव और नहीं बढ़ाने पर सहमति जताई, लेकिन कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तरीय बातचीत के बावजूद पूर्वी लद्दाख में महीनों से जारी तनाव कम किए जाने का अब तक कोई बड़ा रास्ता नहीं खुल सका है. दोनों देशों की सेना घनघोर सर्दियों के मौसम में भी अपने-अपने मोर्चों पर कायम रहने को तैयार हैं.

10 दिन बाद 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और साउथ शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट चीफ मेजर जनरल लियु लिन की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडलों के बीच सातवें दौर की बातचीत होनी है ताकि वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे अग्रिम मोर्चों से अतिरिक्त सैनिकों की वापसी सुनिश्चित की जा सके. एक सूत्र ने बताया, ’21 सितंबर को छठे दौर की बातचीत में भारत ने चीन के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी और कहा कि पीपबल्स लिबरेशन आर्मी को कोई आक्रामक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, वरना भारतीय सैनिक अपनी रक्षा के लिए कदम उठाएंगे और आत्मरक्षा में फायरिंग भी करेंगे.

बता दें कि पीएलए ने पैंगोंग सो-चुशूल में 29-30 अगस्त की रात हासिल कई रणनीतिक चोटियों को हटाने की कोशिश की तो भारतीय सैन्य दल ने चेतावनी देने के लिहाज से कम-से-कम चार गोलियां दागीं. तब से वहां पीएलए ने कुछ नहीं किया है, लेकिन माहौल तनावपूर्ण है. दोनों पक्षों ने बीते सोमवार को इस बात पर सहमति जताई कि अब अग्रिम मोर्चों पर अतिरिक्त फौजें नहीं भेजी जाएंगी.

21 सितंबर को छठे दौर की बातचीत में भारत ने चीन के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी और कहा कि पीपबल्स लिबरेशन आर्मी को कोई आक्रामक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, वरना भारतीय सैनिक अपनी रक्षा के लिए कदम उठाएंगे और आत्मरक्षा में फायरिंग भी करेंगे.

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