टी नटराजन के रूप में काफी समय बाद भारत को बायें हाथ का तेज गेंदबाज मिला है. सटीक यॉर्कर की उनकी क्षमता ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में तेजी से शामिल किया है. वह एकदिवसीय सीरीज में पूरी तरह से शानदार रहा है. 3 टी20 मैचों की सीरीज में भी भारत की जीत में अहम भूमिका अदा की. तमिलनाडु के बहुत से पेसर हैं जिन्होंने वनडे में मेन इन ब्लू का प्रतिनिधित्व किया है. यहाँ हम उन सभी पर एक नज़र डालेंगे.
1) टी.ए शेखर- 1983
टीए सेखर वनडे में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने वाले तमिलनाडु के पहले तेज गेंदबाज थे. अपने दौर में वह देश का सबसे तेज गेंदबाज था. लेकिन दुर्भाग्य से, उन्हें उतने मौके नहीं मिल पाए, जितने के वे हकदार थे. उन्होंने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला जब उन्होंने चोटिल मदन लाल की जगह पाकिस्तान के खिलाफ दो टेस्ट खेलने के लिए भारतीय टीम में शामिल किया.
शेखर ने भारत ने लिए 1983 से 1985 के बीच 4 वनडे खेले थे, जिस दौरान उन्होंने 25.60 की औसत से 5 विकेट झटके थे.
2) भारत अरुण- 1986
भरत अरुण एक और तमिलनाडु के तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने भारत के लिए एकदिवसीय मैच खेले थे, लेकिन वह उन ऊंचाइयों तक नहीं पहुंच पाए, जहाँ तक उन्हें पहुंचना चाहिए था. उन्होंने 1986-87 सीज़न के दौरान ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ एक-एक एकदिवसीय मैच खेला और केवल एक विकेट लेने में सफल रहे.
अरुण ने जुलाई 2017 में भारत के गेंदबाजी कोच के रूप में नियुक्त होने के बाद भी भारतीय क्रिकेट में योगदान देना जारी रखा. वह अभी भी भारत के टीम प्रबंधन का हिस्सा हैं और जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा, के साथ भारत लगातार काम कर रहे हैं.
3) टी कुमारन- 1999
चेन्नई, तमिलनाडु में जन्मे टी कुमारन ने 1999 की ईरानी ट्रॉफी में सभी को प्रभावित किया. जिसके बाद कार्लटन और यूनाइटेड की एक दिवसीय श्रृंखला के लिए भारत की टीम में चुना गया. भारत के लिए खेले 8 वनडे मैचों में, कुमारन ने 3-24 के सर्वश्रेष्ठ आंकड़ों के साथ 9 विकेट लेने में कामयाबी हासिल की.
उसके बाद उन्हें वास्तव में कभी अवसर नहीं मिला क्योंकि अजीत अगरकर, जहीर खान के अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें लगातार नजरअंदाज किया गया. जिसके बाद वह बागी इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) में खेलने के लिए चले गए और वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया और डेब्यू पर 6 विकेट लिए. हालांकि, उन्हें फिर से भारतीय टीम में जगह नहीं मिली.
4) लक्ष्मीपति बालाजी- 2003
लक्ष्मीपति बालाजी घरेलू क्रिकेट में अपना नाम बना रहे थे और न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में टेस्ट में भारत के लिए पदार्पण किया था. उन्होंने 2004 में सात मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया, जिसमें 12 विकेट लिए. वह उस सीरीज में भारतीय टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसने 2004 में पाकिस्तान में अपनी पहली वनडे सीरीज़ जीतकर इतिहास रचा था.
उनका भविष्य उज्ज्वल था, लेकिन चोटों ने उन्हें लंबे समय तक एक्शन से बाहर रखा. वह इंडियन प्रीमियर लीग के उद्घाटन सत्र में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए शानदार थे और आईपीएल में हैट्रिक के लिए पहले भारतीय खिलाड़ी बने. उन्होंने 30 एकदिवसीय मैच खेले और 34 विकेट लिए.
5) टी नटराजन- 2020
आईपीएल 2020 में शानदार प्रदर्शन के बाद टी नटराजन को नेट गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया भेजा था लेकिन वरुण चक्रवर्ती के चोटिल होने के बाद उन्हें 3 वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी मुकाबले में डेब्यू का मौका मिला. जिस दौरान उन्होंने शानदार गेंदबाजी की और 2 खिलाड़ियों को पवेलियन की राह भी दिखाई.
वनडे सीरीज में अच्छा करके बाद उन्हें 3 मैचों की टी20 सीरीज में भी खेले, जहाँ वहां टीम के सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.