मस्जिद में नमाज, खुले स्थानों पर कुर्बानी और खुले में माँस ले जाने पर भी पाबंदी: बकरीद पर यूपी में जारी की गई एडवाइजरी

उत्तर प्रदेश पुलिस ने ईद-उल-जुहा (बकरीद) को सकुशल संपन्न कराए जाने को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश यानी एडवाइजरी जारी कर दी है। निर्देशों के मुताबिक, बकरीद पर मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा खुले स्थानों पर कुर्बानी देने और खुले में माँस ले जाने पर भी पाबंदी लगाई गई है।

दरअसल, सावन के आखिरी सोमवार को ही बकरीद पड़ रही है। जिसको मद्देनजर रखते हुए पुलिस ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। सभी लोगों को अपने घरों में रहकर ही नमाज़ पढ़ने और बकरीद का त्यौहार मनाने की अपील की गई है। राज्य के डीजीपी ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों से कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान गोवंश की हत्या को लेकर कई बार पहले भी सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी न दी जाए। छोटी सी छोटी घटना का भी संज्ञान लिया जाए और जो भी विधिक कार्रवाई हो उसका पालन किया जाए।

जारी दिशानिर्देश में यह भी कहा गया, “पुलिस लाउडस्पीकर का इस्तेमाल कर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए जागरूक करे। सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए रखें। भ्रामक सूचना प्रसारित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। थानाध्यक्ष और क्षेत्राधिकारी हर घटना को गंभीरता से लें।”

इसके साथ ही यूपी के डीजीपी द्वारा जारी किए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में मिश्रित और संवेदनशील इलाकों की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाए। गोवध और गोवंश के अवैध परिवहन पर पूर्ण प्रभावी नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय करने के लिए कहा गया है। इस बार बकरीद का त्योहार 1 अगस्त को मनाया जाएगा। यह त्योहार तीन दिन तक मनाया जाता है, ऐसे में यूपी के डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है।

मौलवियों से भी अपील की गई है कि वे इस एडवाइजरी के बाबत लोगों को जागरूक किया जाए। इसके साथ ही सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों जैसे कि व्हाट्सएप्प, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर आदि पर भी निगरानी बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए है। और गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के लिए कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए है।

प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी को लेकर फैलाए जाने वाले अफवाहों पर भी सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि संवेदनशील जगहों की सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करते हुए वहाँ सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती करने के निर्देश दिए गए है।

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