मालिक ने डॉगी संग 10 साल तक की ऐसी दरिंदगी, जानकर आपकी रूह कांप जाएगी

आज हम आपको एक ऐसी खबर बताने जा रहे है, जिसके बारे में जान कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे.मगर इस खबर के बारे में बताने से पहले हम आपको ये जरूर कहना चाहेंगे कि अगर आप किसी जानवर को ढंग से पाल नहीं सकते या उसका ध्यान नहीं रख सकते, तो उसे घर में कभी न लाये. वैसे हमारी राय जानने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि आज जो खबर आपको बताने वाले है, वो इसी मुद्दे से संबंधित है. जी हां यक़ीनन ये खबर आपको वास्तव में काफी हैरान परेशान कर देगी. गौरतलब है कि यह मामला भारत का नहीं बल्कि कनाडा का है. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ये पूरा मामला एक कुतिया को लेकर है.

अब जाहिर सी बात है कि कुतिया का नाम सुनते ही आपके दिमाग में पालतू जानवरो पर होने वाले अत्याचारों को लेकर कई विचार आ रहे होंगे. मगर आपको जान कर हैरानी होगी कि यहाँ मामला सच में थोड़ा सा अलग है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जिस कुतिया की हम बात कर रहे है, उसके मालिक ने उसे करीब दस साल तक एक ही जगह पर बांध कर रखा था. केवल इतना ही नहीं इसके इलावा कुतिया के मालिक की नियत को देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे वो उसे हमेशा के लिए वहां मरने के लिए छोड़ देना चाहता है. हालांकि इस बेचारी कुतिया के जीवन में केवल इतना ही दुःख नहीं था.

कुतिया के मालिक के पड़ोसी उस पर हो रहे जुल्म को सालो से देख रहे थे. मगर जब कुतिया के मालिक की दरिंदगी हद से ज्यादा बढ़ गई तो पड़ोसियों से ये सब बर्दाश्त नहीं हुआ. जिसके चलते कुतिया के मालिक के पड़ोसियों ने उसके खिलाफ एक कड़ा एक्शन लेने का फैसला किया. जी हां कुतिया की इतनी बुरी हालत देख कर पड़ोसियों ने एनिमल एडवोकेट्स सोसाइटी से इसकी शिकायत कर दी. ऐसे में एनिमल सोसाइटी के अधिकारी जब वहां पहुंचे तो उन्हें भी इस कुतिया की हालत को देख कर रोना आ गया. वो इसलिए क्यूकि बेचारी कुतिया इतनी कड़ाके की ठंड में भी बाहर कीचड़ में पड़ी हुई थी और उसके मालिक को उसकी जरा सी भी फ़िक्र नहीं थी.

ठंड के इस मौसम में वो घर के बाहर बारिश, ओले और बर्फ के हमले भी बर्दाश्त कर रही थी. ऐसे में कुतिया की ऐसी हालत देख कर अधिकारियो ने उसे अपने कब्जे में ले लिया. इसके बाद उस कुतिया को एक कपल ने गोद भी ले लिया. इसके साथ ही कुतिया के आरोपी मालिक को स्थानीय कानून के अनुसार सजा भी दी गई. बता दे कि जिस कपल ने कुतिया को गोद लिया उन्होंने इसका नाम जुनिथ रखा. हालांकि ये अफ़सोस की बात है कि नए मालिक के पास जाने के बाद जुनिथ केवल अठारह महीने ही जी सकी. दरअसल उसकी उम्र हो जाने की वजह से उसकी मौत हो गई. मगर यहाँ ख़ुशी की बात ये है कि कम से कम उसने अठारह महीने तो चैन के साथ गुजारे.

बरहलाल हम उम्मीद करते है कि अगर आप किसी जानवर के साथ ऐसा जुल्म होते देखे, तो तुरंत उसकी मदद करे, क्यूकि जानवरो को भी तकलीफ होती है.

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