मृत्यु के समय कितनी उम्र के थे भगवान श्रीकृष्ण, आपके होश उड़ जाएंगे ये जानकर

हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग भगवान श्री कृष्ण के बारे में जानते ही हैं| दरअसल भगवान श्री के बारे में शास्त्रों में बड़े ही विस्तार से बताया गया हैं और लोग उनके बाल लीलाओं और उनके नटखट पन से वाकिफ हैं क्योंकि श्री कृष्ण बचपन में बहुत ही नटखट थे और वो वृन्दावन के गोपियों को बहुत सताते थे| जिसके करण उनकी माता यशोदा बहुत परेशान रहती थी और उन्हें माखन चोर भी कहाँ जाता हैं क्योंकि श्री कृष्ण को माखन कहाँ बेहद पसंद था और वो उसके लिए वृन्दावन के लोगों के घरों में से चुरा कर खुद और आने सखाओं को भी खिलाते थे| यहाँ तक जब गोपियाँ स्नान करने नदी में जाती थी तो श्री कृष्ण उनके वस्त्रो को पेड़ की डाल पर रख देते थे| इसके अलावा वो अपने गुलेल से गोपियों की मटकियाँ भी फोड़ते थे|

ये सभी भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाए हैं और जब वो बड़े हुये तो उन्हें वृन्दावन की एक गोपी राधा से प्रेम हो गया| हालांकि श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हुआ था और राधा उनकी प्रेमिका थी| वर्तमान समय में राधा-कृष्ण का नाम एक साथ जोड़ा जाता हैं और उनकी पुजा भी एक साथ की जाती हैं मंदिरों में दोनों की मूर्तियाँ एक साथ होती हैं| इनकी प्रेम कहानी के बारे में हर कोई जानता हैं| यदि बात करे भगवान श्री कृष्ण के छवि की तो वो एक बांसुरी बाजते हुये और सिर के ऊपर मोरपंख लगाए होते हैं|

बता दें कि राधा को और वृन्दावन के वासियों को श्री कृष्ण द्वारा बजाए हुये बांसुरी के धुन बहुत प्रसन्न था और लोग उनके बांसुरी के धुन में इतने मग्न हो जाते थे कि उनको किसी और बात का ध्यान ही नहीं रहता था| ऐसा माना जाता हैं कि भगवान श्री कृष्ण विष्णु के अवतार हैं और इन्होने अपने मामा कंस को मृत्यु प्रदान के लिए जन्म लिया था| बता दें कि श्री कृष्ण को जन्म देने वाली माँ देवकी और पालने वाली माँ यशोदा थी| भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में उत्पन्न हुयी सारी बुराइयों का नाश किया था। लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब भगवान श्री कृष्ण को श्राप की वजह से अपने शरीर का त्याग करना पड़ा था। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि भगवान श्री कृष्ण की उम्र कितनी थी|

श्रीमद्भागवत महापुराण के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण का जन्म 8वे मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28वें द्वापर में भाद्रपद कृष्णपक्ष की आधी रात को यानि 8वीं महूर्त पर हुआ था| बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु एक पेड़ के नीचे केवल एक तीर के लगने से हुई थी। दरअसल उनको यह तीर एक श्राप की वजह से लगी थी और इसी तीर से उनकी मृत्यु हो गयी थी। जब भगवान श्री कृष्ण की मृत्यु हुई थी तब उनकी उम्र लगभग 119 साल थी और जब उन्होने अपना देह त्यागा था तब उनके शरीर पर झुर्रिया भी नही पड़ी थी|

इसका मतलब हैं कि वो अपने मृत्यु के समय भी एक युवा ही थे और उन्होने अपने देह का त्याग भी उसी अवस्था में किया था|

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