‘मै और मेरी मां ने एक ही मर्द से की है शादी’..जानें इस घिनौनी बात की सच्चाई

दुनिया में न जाने कितने धर्म और जातियां एक साथ रहती हैं। लेकिन इन सब में कितनी भी भिन्नता हो, शादी हर धर्म और जाति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब दो लोग अपनी नई ज़िंदगी की शुरुआत करते हैं। दो परिवार एक होते हैं।लेकिन भारत में शादी किसी महोत्सव की तरह मनाई जाती है। घर की रौनक रिश्तेदारों की भीड़, खाने से ले कर घर की सजावट तक का खास ध्यान रखा जाता है। लेकिन भारत में अलग-अलग जातियों की शादियों में कुछ ऐसे रिवाज़ हैं, जिनके होने का कारण तो पता नहीं, लेकिन उसे जान कर एक बार तो शादी करने से किसी का भी दिल घबरा जाए।

पूरी दुनिया में शादी को लेकर अलग-अलग परंपराएं है। बहुत से देश तो ऐसे है जहां की वैवाहिक परंपराएं एकदम अजीबोगरीब है। जिसको सुनकर ही आप हैरान हो जाएंगे। आज हम आपको एक ऐसी ही किसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। और आपको यह बेहद घृणित भी लगेगा।

दुनियाभर में शादी को लेकर अलग-अलग परंपराएं प्रचलित है। कई देश ऐसे है जहां की वैवाहिक परंपराएं एकदम अजीबोगरीब होती है। इन रिवाजों के बारे में जानकर दंग रह जाते है। आज हम आपको एक ऐसी ही किसी परंपरा के बारे में बताने जा रहे है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे और आपको यह बेहद घृणित लगेगा।

दरअसल बांग्लादेश में एक जनजाति में यह परंपरा है कि बेटी अपने ही पिता से शादी करती है। मंडी जनजाति की बेटियां बचपन से ही अपने पिता के साथ शादी करने के सपने देखती है। इस जनजाति में मां और बेटी को एक ही पुरुष से शादी करनी पड़ती है ताकि उनका समुदाय बचा रहे और महिलाओं की रक्षा हो सके। हालांकि, बदलते वक्त के साथ स समुदाय के लोगों ने अब इस परंपरा को मानने से मना कर दिया है।

पिता को अपनी ही बेटी से शादी करने के पीछे तर्क दिया जाता है कि इस परंपरा की शुरुआत उस वक्त से शुरू हुई जब एक महिला का पति कम उम्र में चल बसा। ऐसी स्थिति में महिला को अपने पति के खानदान में से ही एक कम-उम्र के आदमी से शादी करनी होती है। ऐसे में कम उम्र के नए पति की शादी उसके होने वाली पत्नी की बेटी के साथ मंडप में जाती है|

बताया जाता है कि कम उम्र में बना पति अपनी नई पत्नी और उसकी बेटी का भी पति बनकर दोनों की सुरक्षा लंबे समय तक कर सकता है। वहीं, इस जनजाति के लोगों का कहना है कि इस परंपरा के पीछे का खास मकसद संपति के बंटवारे को रोकने के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा करना है।

यहां प्रचलित इस परंपरा के मुताबिक यदि किसी महिला के पति की कम उम्र में ही मृत्यु हो जाती है तो उस महिला को अपने पति के परिवार के ही किसी सदस्य से शादी करनी पड़ती है

बाकायदा इसी जनजाति से सबंध रखने वाली एक 15 साल की लड़की ओरोला खुद बताती है कि जब वह छोटी थी तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद उसकी मा ने दूसरी शादी की तभी से वह अपने दूसरे पिता को पति के रूप में देखना शुरू कर दिया।

हालांकि, इस परम्परा के चलते माँ और बेटी के रिश्ते वैसे नहीं रह पाते हैं जैसे कि सामान्य परिस्थितियों में रहते हैं। मां और बेटी दोनों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहते हैं और दोनों एक ही पति के कारण एक दूसरे को पसंद नहीं करती हैं। भारत और बांग्लादेश में मंडी जनजाति के करीब बीस लाख लोग रहते हैं

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