यूपी में उपचुनाव : बीजेपी ने जारी की 6 प्रत्याशियों की लिस्ट, कांग्रेस ने जौनपुर के मल्हानी सीट से राकेश मिश्रा को बनाया प्रत्याशी

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव के लिए बीजेपी ने सात में से छह प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया हैं। देवरिया की सीट पर अभी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया। कांग्रेस ने जौनपुर के मल्हनी सीट से अपना प्रत्याशी का ऐलान किया है।

अमरोहा जिले के नौगांवा विधानसभा से विधायक रहे पूर्व मंत्री चेतन चौहान के देहांत के बाद रिक्त हुई सीट पर उनकी पत्नी संगीता चौहान को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। बुलंदशहर के सदर से विधायक वीरेंद्र सिरोही के देहान्त के बाद खाली हुई सीट पर उनकी पत्नी ऊषा सिरोही को मैदान में उतारा है। लोकसभा चुनाव जीतकर पहुंचे प्रो. एसपी सिंह बघेल की खाली हुई सीट पर प्रत्याशी बनाए जाने पर टूंडला विधानसभा पर प्रेमपाल धनगर को प्रत्याशी बनाया है।

कुलदीप सिंह सेंगर का विधानसभा सदस्य का निर्वाचन रद्द होने के बाद बांगरमऊ से पूर्व जिलाध्यक्ष बीजेपी ने श्रीकांत कटियार को टिकट दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री कमला रानी वरुण के देहांत के बाद खाली हुई सीट पर अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे घाटमपुर से उपेन्द्र पासवान टिकट दिया है। जौनपुर जिले की मल्हनी से मनोज सिंह को टिकट दिया है। मनोज सिंह 2006 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ उपाध्यक्ष रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस ने मल्हनी से राकेश मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है।

तीन नवम्बर को होगा मतदान

यूपी की आठ विधानसभा सीटों में से 7 पर उप चुनाव की तारीखों पर का ऐलान कर दिया है। रामपुर की स्वार सीट पर उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की गई है। तीन नवंबर को सात सीटों पर उप चुनाव होगा। बता दें कि 8 सीटों में से 5 सीट पर 2017 में निर्वाचित विधायकों के निधन की वजह से सीटें खाली हुईं थी। वहीं, 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो 8 में से 6 पर भाजपा का कब्जा था। जिन 8 सीटों पर चुनाव होने हैं, उसमें से 5 विधानसभा सीटों पर 2017 में निर्वाचित विधायक कमल रानी वरुण, पारसनाथ यादव, वीरेंद्र सिरोही, जन्मेजय सिंह, चेतन चौहान का निधन हो चुका है।

सिर्फ डेढ़ साल के लिए बन सकेंगे विधायक

यूपी में भाजपा को काबिज हुए लगभग साढ़े 3 साल का वक्त बीत चुका है। ऐसे में अब निर्वाचित विधायकों के पास सदन में बैठने का बहुत ज्यादा मौका नहीं होगा। सभी 8 निर्वाचित विधायक डेढ़ साल से भी कम वक्त के लिए निर्वाचित होंगे। दरअसल, 2022 में यूपी एक बार फिर विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट जाएगा।

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