यूपी में कोरोना से जंग : हर जिले में स्टैटिक बूथों में होगी जांच, ज्यादा संक्रमण वाले इलाकों में रहेगा फोकस

लखनऊ। दिल्ली में कोरोना संक्रमण बढ़ने का प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों में असर पड़ने के बाद योगी सरकार अलर्ट हो गई है। इसके मद्देनजर अब राज्य में संक्रमण नियंत्रित करने के लिए सभी 75 जनपदों में स्टैटिक बूथ बनाए जाएंगे। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जिससे कोई भी व्यक्ति कोरोना लक्षण महसूस होने पर इन बूथों पर जाकर अपनी जांच करा सके। अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि किसी भी व्यक्ति को यदि कोरोना का लक्षण नजर आए तो वह तत्काल इन स्टैटिक बूथों पर जाकर अपनी जांच करा सकेगा। वहीं संक्रमण की पुष्टि होने पर स्वयं को आइसोलेट कर ले। वह अस्पताल या होम आइसोलेशन का विकल्प चुनकर अपना इलाज करा सकता है। यही संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने का तरीका है। अगर संक्रमित व्यक्ति की पहचान नहीं होगी तो वह और लोगों को भी संक्रमित करता रहेगा।

उन्होंने कहा कि इसी तरह कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में सर्विलांस बेहद कारगर उपाय है। संक्रमितों की पहचान करने में इसका बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इसलिए प्रदेश सरकार ने अब और अहम निर्णय किया है कि सर्विलांस पर और अधिक फोकस किया जाए। इसके लिए सभी जनपदों को यह निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि वह पिछले दस दिनों में संक्रमण के जो मामले आए हैं, उनकी अपनी जिले के नक्शे पर मैपिंग करे। ताकि यह पता चले कि शहर के किस इलाके से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद उन इलाकों में जहां ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां पर फोकस सर्विलांस किया जाए। इसमें जल्दी से जल्दी जो लक्षणात्मक व्यक्ति हैं उनकी जांच करवाई जाए और जांच के बाद अगर उनमें संक्रमण पाया जाता है तो उन्हें आइसोलेट किया जाए। ऐसे लोगों को अन्य लोगों से अलग करना बेहद आवश्यक है, यही संक्रमण की चेन को तोड़ता है।

अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने कहा कि जो व्यक्ति संक्रमित है, उसका यह दायित्व है कि वह दूसरे किसी को संक्रमण ना दें। इसके लिए वह स्वयं लोगों से पृथक हो जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर लगातार कार्य चल रहा है यह उम्मीद की जा रही है कि अगले वर्ष तक वैक्सीन आएगी। जो लोग ज्यादा वल्नरेबल है उन्हें वैक्सीन पहले मिलेगी। इसके इसके लिए प्रदेश सरकार अपनी पूरी तैयारी कर रही है। कोल्ड चेन की जरूरी व्यवस्था की जा रही है। लेकिन,जब तक वैक्सीन नहीं या कोई निश्चित दवा नहीं आती तब तक अपना बचाव करना ही सबसे अच्छा उपाय है।

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