यूपी में 23 नवंबर से खुलेंगे सभी विश्वविद्यालय-कॉलेज, Covid प्रोटोकॉल का करना होगा पालन

फाइल फोटो

Education News: कोरोना महामारी चलते यूपी में लंबे समय से बंद पड़े स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों को फिर से खोले जाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अभी ऑनलाइन क्लासेज चलाई जा रही है। अब योगी सरकार ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को 23 नवंबर से खोलने का निर्णय लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक योगी सरकार ने 23 नवंबर से उत्तर प्रदेश में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को फिर से खोलने का निर्णय लिया है। लेकिन इसके लिए शर्त भी रखी गई है, जिसके मुताबिक शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों की उपस्थिति किसी भी सूरत में 50% से अधिक नहीं होगी। यानी सिर्फ आधे छात्र ही अपने-अपने कैंपस जाकर क्लास में शामिल हो सकेंगे वहीं बाकी छात्र पहले की तरह ही ऑनलाइन क्लासेज के जरिए पढ़ाई करते रहेंगे। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में विश्वविद्यालयों, निजी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों को 23 नवंबर 2020 से दोबारा खोले जाने हेतु सभी जिलाधिकारियों, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रयागराज और सभी राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

केंद्र की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन को लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है। गाइडलाइन में कहा गया है कि सभी बंद स्थानों (हॉल/कमरे) पर 50% क्षमता एवं अधिकतम 200 व्यक्तियों की अनुमति होगी. फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, सैनिटाइजर और हैंडवॉश की उपलब्धता अनिवार्य होगी। छात्रों की अनुपस्थिति की सबसे बड़ी वजह थी सोमवार को भाई-दूज का त्योहार. और दूसरी वजह यह थी कि सोमवार तक ज्यादातर कॉलेज और विश्वविद्यालय के कैंपस सैनिटाइज नहीं किए गए थे। इसके अलावा सरकार ने कॉलेज और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के कोविड-19 टेस्ट को भी जरूरी कर रखा है जिसकी रिपोर्ट आने में समय लग रहा है।

गाइडलाइंस की मुख्य बातें – 

– 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ कक्षाएं शुरू की जा सकती है। सभी छात्रों को मास्क पहनना होगा। कैंपस और कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग संबंधी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। 

– गाइडलाइंस के मुताबिक, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विद्यार्थियों व स्टाफ के लिए थर्मल स्कैनिंग एवं हैंड वाश का बंदोबस्त करना होगा। 

– वाइस चांसलर और प्रिंसपलों से कहा गया है कि संस्थानों को चलाने के लिए एसओपी (स्टैंडर्ज ऑपरेटिंग प्रोसिजर) का पालन किया जाए। 

– कोविड-19 से लड़ने के लिए शैक्षणिक संस्थान किसी नजदीकी अस्पताल और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ से टाईअप भी कर सकते हैं। 

– सभी विद्यार्थियों को आयोग्य सेतु एप डाउनलोड करनी होगी। 

– गाइडलाइंस में अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वह सुनिश्चित करें कि उनके बच्चे जब भी घर से बाहर निकलें तो हेल्थ प्रोटोकॉल का पालन करें। अगर उनका बच्चा स्वस्थ नहीं है तो उसे घर से बाहर न जाने दें। 

– केवल वही शैक्षणिक संस्थान खुलेंगे जो कन्टेनमेंट जोन के बाहर होंगे। 
– कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले छात्र, शिक्षक और कर्मचारी संस्थान में प्रवेश नहीं करेंगे। 

– शिक्षकों को ऑनलाइन शिक्षण के लिये छात्रों को प्रोत्साहित करना होगा। 

– कक्षाओं में छात्र बुक, लैपटॉप, नोट्स आपस में शेयर नहीं करेंगे। 
– दो छात्रों के बीच छह फीट की दूरी होना अनिवार्य है। 
– संस्थान के गेट पर छात्रों के प्रवेश करते समय और निकलते समय कोई भीड़ न लगे, इसके लिए पूरी सावधानी बरती जाए। 
– विश्वविद्यालयों को हेल्थ प्रोटोकॉल के साथ हॉस्टल खोलने की इजाजत होगी। कोरोना लक्षण वाले छात्रों को हॉस्टल में ठहरने की इजाजत नहीं होगी। डाइनिंग टेबल से परहेज करें और छोटे छोटे समूहों में खाना खाएं। कॉमन एरिया में जाते समय मास्क पहनें। स्विमिंग पूल बंद रहेंगे। हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थी कमरा शेयर नहीं कर सकेगे।

– तनाव से निपटने और मानसिक स्वास्थ्य दुरुस्त रखने के लिए छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों को मनोदर्पण वेबपेज के बारे में बताया जाए। 

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