लड़की ने गुस्से में छोड़ा घर और पहुंच गई जंगल, वहां हो गई शेरनी से टक्कर, फिर जो हुआ वो गजब

वैसे तो आपने कई सारी कहानियां सुनी होगी लेकिन आज हम आपको दोस्ती की एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे जो सबका ध्‍यान अपनी ओर आकर्षित कर चुकी है। दरअसल इनकी दोस्‍ती कुछ ऐसी हो गई कि हर तरफ लोग इनकी दोस्‍ती मिसाल देने लगे। इनके बिच की दोस्ती कुछ ऐसी हुई कि जिसे कोई दूसरा मनुष्य करने की हिम्मत नहीं करेगा। दोस्‍ती भी ऐसी चीज होती है कि लोग इसमें भूल जाते हैं कि इंसान व जानवर में क्‍या फर्क है। चाहें दोस्‍ती इंसान से हो या जानवर से दोस्‍ती तो वाकई एकदम पानी की तरह साफ होती है। कुछ ऐसा ही मिसाल देखने को मिला आज जो वाकई में अनोखा है। वैसे आपको बता दें कि ये कहानी इंडोनेशिया की अब्दुल्लाह शोलेह और मुलान जमिलाह नामक एक भारी-भरकम मादा शेरनी की है।

इनकी कहानी तब से शुरू हुई जब मुलान लगभग तीन साल की छोटी सी शावक थी उसी समय से अब्दुल्लाह उसका ध्यान रखते आ रही है और उस समय से लेकर अब तक वो दोनों साथ हैं और अब तो एक दुसरे के बिना नहीं रह पाते हैं। अब्दुल्लाह ही एक ऐसी है जो मुलान की रखवाली करती है। मुलान की छोटी मोटी जरूरतों का ख्‍याल रखती है उसे खिलाने से लेकर नहलाने तक वहीं उसके साथ खेलना उसका सबसे पसंदीदा काम है और तो और वो उसके साथ सोती भी है। वहीं वो बिल्‍कुल एक दोस्‍त की तरह लड़ते हैं और साथ में खेलते भी हैं।

बता दें कि मुलान को पूरे दिन में दो बार मुर्गी या बकरे का 6 किलो मांस खिलाया जाता है। अब मुलान एक मीटर उंची और तीन मीटर लम्बी हो चुकी है, इस आकार के बावजूद उन दोनों के बिच कुछ बदला नहीं है वो अभी भी बचपन की तरह ही साथ रहते हैं। जब वे बगीचे में खेलते है तब वे एक दुसरे के गले मिलते है और चुमते है वहीं मुलान कभी कभी तो इस कदर भावुक हो जाती है कि वो अब्दुल्लाह को थोड़ी बहुत तकलीफ भी पहुंचा देती है।

वो हमेशा यही कोशिश करतें है कि मुलान खुश और संतुष्ट रहे। जब वो उसके साथ खेलते हैं तो उसे अपना चेहरा चाटने की भी अनुमति देते है। वहीं खतरा महसूस होने के बाद भी अब्दुल्लाह शेरनी के रखवाली करते हैं यही कारण है कि उन्‍हें ‘शेरनी की आया’ भी कहते है। लेकिन पिंजरे में जब वे दोनों साथ होते है तब सुरक्षा के कारणों से उन दोनों को अलग रखने के लिए धातु की सलाखें लगाई गई हैं। उनदोनों ने आपस में जो रिश्ता बना है वह आज के दौर में बहुत असाधारण है।

कभी-कभी इंसानों के साथ हमारी दोस्ती इतनी झूठी होती है कि इससे अच्छा है की हम प्राणियों से दोस्ती कर ले। हमें इनसे सीख यह लेनी है कि हम आपनी दोस्ती दिल से निभाए, चाहे वह इंसानों के साथ हो या फिर जानवरों के साथ, क्योंकि इस दुनिया में सच्ची दोस्ती के अलावा अधिक महत्वपूर्ण और कुछ नहीं है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें