लूटपाट और आठ साल के बच्चे को जान से मारने का प्रयास करने के दोषियों को आठ साल की कैद….

घर में घुसकर लूटपाट और आठ साल के बच्चे को जान से मारने का प्रयास करने के दोषियों को न्यायालय ने आठ-आठ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय श्रीकांत पांडेय की अदालत ने दोषियों पर अलग-अलग धाराओं में 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि ममता खान निवासी धर्मपुर ने आठ मई 2006 को नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि वह शिक्षिका हैं और उनके पति विक्रम चालक है। आठ मई को दोनों अपने काम पर चले गए घर पर उनका आठ साल का बेटा सुहेल अकेला था।

इस बीच उनके घर में अमजद खान उर्फ बंटी अपने एक साथी नौशाद के साथ घर पर आया। इससे पहले भी वह कई बार घर पर आया था इसलिए सुहेल ने उसको घर में अंदर बुला लिया। इस बीच अमजद ने सुहेल से पानी मांगा। जैसे ही सुहैल पानी लेकर आया तो अमजद व नौशाद ने उसको बंधक बनाकर घर के पीछे ले गए। वहां चुन्नी से उसका गला घोंटकर मारने की कोशिश की।

सुहेल जब बेहोश हो गया तो दोनों उसे मरा हुआ समझकर घर में रखी ज्वेलरी और नकदी लेकर फरार हो गए। कुछ देर बाद जब सहेल को होश आया तो उसने मदद के लिए शोर मचाया। शोर सुनकर मकान मालिक कमरे में पहुंचे। सुहेल ने उन्हें घटना की जानकारी दी।

उसके बाद उन्होंने ममता को सूचित किया। ममता की शिकायत पर पुलिस ने अमजद और नौशाद के खिलाफ लूट और हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया। वारदात के अगले दिन आइएसबीटी के पास से अमजद खान को गिरफ्तार कर लिया। उसके  पास से लूट का माल भी बरामद कर लिया गया।

शासकीय अधिवक्ता गुप्ता ने बताया कि अभियोजन की ओर से इस मुकदमे में कुल 10 मौखिक गवाह और 13 दस्तावेजी साक्ष्य अदालत में पेश किए गए। न्यायाधीश तृतीय श्रीकांत पांडेय की अदालत ने अमजद खान निवासी भूमिया का पुल, रसीदनगर गली नंबर तीन थाना लिसाड़ी गेट मेरठ और नौशाद निवासी रसीदनगर, धनाई वाली गली लिसाड़ी गेट मेरठ को आठ-आठ वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

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