सरकार ने हजारों सरकारी कर्मचारियों को दिया होली का तोहफा, पुराने पेंशन सिस्टम का मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने हजारों सरकारी कर्मचारियों को होली का तोहफा दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वैसे सरकारी कर्मचारियों को पुराने पेंशन सिस्टम के तहत पेंशन देने का फैसला किया है, जिनकी नियुक्ति तो 01.01.2004 के पहले हुई थी लेकिन उन्होंने नौकरी इस तारीख को उसके बाद ज्वाइन किया था। ऐसे कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) की बजाय सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 को चुन सकते हैं।

पेंशन एवं पेंशन वेलफेयर डिपार्टमेंट का फैसला

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि यह आदेश भारत सरकार के उन कर्मचारियों पर लागू होगा जिनकी नियुक्ति की प्रक्रिया एक जनवरी 2004 को पूरी हो गई थी। ऐसे कर्मचारी सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल्स, 1972 का विकल्प चुन सकते हैं या पुरानी एनपीएस व्यवस्था में बने रह सकते हैं।

हजारों कर्मचारियों की लंबित मांग होगी पूरी

सिंह ने कहा कि पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय से ऐसे केंद्रीय कर्मियों की काफी समय से लंबित मांग पूरी हो गई है, जिनकी भर्ती से जुड़ी प्रक्रिया तो पहली पूरी हो गई थी लेकिन जिन्होंने विभिन्न कारणों से नौकरी एक जनवरी, 2004 के बाद नौकरी ज्वाइन की थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस विकल्प को चुनने की अंतिम तारीख 31 मई, 2020 है। उन्होंने कहा कि इस समयसीमा तक जो कर्मचारी इस ऑप्शन को नहीं चुनते हैं, वे एनपीएस कवर के तहत ही बने रहेंगे।

कई मामले कोर्ट में हैं लंबित

केंद्र सरकार ने इस आदेश के जरिए बड़ी संख्या में ऐसे कर्मचारियों की काफी समय से लंबित शिकायतों का निपटारा कर दिया है, जिनके लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और परिणाम एक जनवरी, 2004 से पहले प्रकाशित हो गया था। हालांकि, ये कर्मचारी कई तरह के प्रशासनिक कारणों एवं अन्य तरह की देरी की वजह से इस तारीख तक नौकरी नहीं ज्वाइन कर पाए थे। केंद्र सरकार ने 01.01.2004 से पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नए पेंशन सिस्टम को लागू कर दिया था। केंद्र सरकार के इस फैसले से कई केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा। उनमें से कई ने तो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। इस फैसले के साथ इस मामले से जुड़े मुकदमों में भी कमी आएगी।

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