सीमा विवाद : फ्रांस से आ रहे हैं 6 राफेल लड़ाकू विमान, 27 जुलाई तक अंबाला एयरबेस में तैनाती के आसार

LAC पर चीन के साथ उपजे विवाद के बीच फ्रांस से 6 राफेल लड़ाकू विमानों के 27 जुलाई को भारत पहुँचने की संभावना है। ये विमान पहले मई में भारत पहुँचने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस के कारण ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। पर, अब अंबाला के एयरबेस पर एक साथ 6 लड़ाकू विमान आएँगे।

गौरतलब है कि बीते दिनों चीन के रवैये को देखते हुए IAF को हाई अलर्ट पर रखा गया है। 2 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी टेलीफोन पर अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पारले से बातचीत की थी।

फ्रांस की रक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद राफेल विमान तय समय के अनुसार भारत पहुँचाए जाएँगे। अब खबर है कि इन लड़ाकू विमानों को फ्रांस से भारतीय पायलट लेकर आएँगे।

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, राफेल आने की सूचना पर सैन्य अधिकारियों (नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर) ने बताया कि राफेल जेट्स से भारतीय वायुसेना की समग्र लड़ाकू क्षमता में काफी वृद्धि होगी और यह भारत के विरोधियों को भी स्पष्ट संदेश देगा।

राफेल की खासियत होगी कि इसमें 150 किमी तक की रेंच के लिए मेट्योर मिसाइल लगी होगी। यानी चीन से मिलने वाली हर चुनौती का भारत करारा जवाब दे पाएगा। भारतीय वायुसेना के पायलट ने इन विमानों की ट्रेनिंग ले ली है, ऐसे में जैसे ये भारत पहुँचेंगे तो काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राफेल विमानों को भारत लाने के लिए वन स्टॉप का इस्तेमाल किया जा रहा है। यानी फ्रांस से उड़ान भरने के बाद वे UAE के अल डाफरा एयरबेस पर उतरेंगे। यहाँ पर फ्यूल से लेकर बाकी सभी टेक्निकल चेकअप के बाद राफेल विमान सीधे भारत के लिए उड़ान भरेंगे और सीधे अंबाला एयरबेस पर आएँगे।

भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ लगभग 53,000 करोड़ रुपए की लागत से 36 राफेल लड़ाकू जेट की खरीद के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद राजनाथ सिंह ने पहला राफेल विमान फ्रांस के एक एयरबेस पर 8 अक्टूबर को प्राप्त किया था।

बता दें राफेल विमान का पहला स्क्वाड्रन अंबाला में तैनात होगा, जबकि दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हसीमारा में तैनात किया जाएगा। IAF की ओर से इसके रखरखाव की सुविधाओं को विकसित करने के लिए 400 करोड़ रुपए का खर्चा किया गया है। इन 36 राफेल विमानों में से 30 फाइटर जेट होंगे और 6 को ट्रेनिंग के लिए रखा जाएगा। ट्रेनर जेट ट्वीन सीटर होंगे, जिनके पास फाइटर जेट जैसे सभी विशेषताएँ होंगी।

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