टीबी मरीजों की खोज के लिए लगेंगी 160 टीमें, क्षय रोग उन्मूलन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध

बहराइच l देश से वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी उन्मूलन को लेकर सरकार पूरी तरह गंभीर है। इस संकल्प को सही मायने में धरातल पर उतारने के लिए जिले में सघन टीबी खोज अभियान का सातवां चरण आगामी दो नवंबर से प्रारंभ किया जाएगा। जो 11 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर घर जाकर क्षय रोगियों की पहचान हेतु लक्षणों की जानकारी प्राप्त करेगें, टी.बी. के लक्षण प्राप्त होते ही अड़तालीस घंटे के दौरान उनका निःशुल्क इलाज एवं बलगम की जांच भी की जायेगी।


अभियान को सफल बनाने के लिए जनपद में कुल 160 टीमो का गठन किया गया जिसमें प्रत्येक टीम में तीन सदस्य होगे। यह टीम घर घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान हेतु लक्षणों की जानकारी प्राप्त करेगी ।  उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पवन कुमार वर्मा ने बताया कि जनपद में कुल 3900 मरीज पंजीकृत है। जिसमें एमडीआर के 122 मरीज एवं निजी चिकित्सालय में मरीजो की संख्या 1060 है। टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रूपये प्रतिमाह दिए जाने के लिए अप्रैल 2018 में लायी गयी निक्षय पोषण योजना बड़ी मददगार साबित हुई है । योजना के तहत जनपद में अब तक 2.20 करोड़ लाख  रुपये की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तातंरण के माध्यम से क्षय रोगियों को प्रदान की जा चुकी है, जिन क्षय रोगियों का बैंक खाता नहीं है, उनका खाता इन्डियन पोस्टल पेमेंट्स बैंक द्वारा मरीजों के घर जाकर खोला जा रहा है।


मिलते जुलते हैं टीबी व कोविड के लक्ष , रखें खास ख्याल :
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि टीबी और कोविड के लक्षण मिलते-जुलते हैं, इसलिए ऐसे में खास सावधानी बरतने की जरूरत है । इतना ही नहीं टीबी की जांच में इस्तेमाल होने वाली सीबीनाट मशीन कोरोना की भी जाँच कर सकती है इस तरह के लक्षण वालों की कोविड की जांच के साथ टीबी की भी जांच करायी जा रही है । इससे बचने के लिए जरूरी प्रोटोकाल जैसे- मास्क पहनना अनिवार्य है, क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों से संक्रमण का खतरा रहता है । इसलिए अपने साथ दूसरों को सुरक्षित करने के लिए मास्क से मुंह और नाक को ढ़ककर रखें । 

टीबी के लक्षण –
● दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक खांसी
● बुखार खासतौर पर शाम को बढ़ने वाला
● सीने में दर्द रहना
● खांसी के साथ खून आना
● भूख न लगना
● वजन घटना   

कैसे होती है टीबी-
● टीबी के रोगी द्वारा खांसने या छीकने पर
● रोगी द्वारा इधर-उधर खुली जगह पर बलगम थूकने पर
● रोगी के रुमाल, ओढ़ने, बिछाने की चादरें, तौलिए आदि के प्रयोग से

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