कॉन्ग्रेस की उम्मीदों पर शिवसेना ने फेरा पानी, CAB पर 18 MP खड़े हुए शाह का साथ

महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिहाज से एनडीए से अलग हुए शिवसेना के 18 सदस्यों ने सोमवार (दिसंबर 10, 2019) को लोकसभा में ‘कैब’ को पास कराने के लिए केंद्र सरकार को अपना समर्थन दिया। इसके साथ ही शिवसेना नेता विनायक राउत ने इस दौरान कहा कि तीनों देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता जरूर दी जाए मगर इसके कानूनी प्रावधान भी स्पष्ट किए जाएँ।

विधेयक पर बहस के दौरान पार्टी नेता ने अपना मत रखते हुए कहा कि कैब के अंतर्गत जिन शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी, उन्हें 25 वर्षों के लिए मतदान का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। इसके अलावा ये भी कहा गया कि कैब ने नॉर्थ-ईस्ट राज्यों को छोड़ दिया है। सरकार को बताना चाहिए कि किन राज्यों में शरणार्थियों को नागरिकता मिल रही है।

हालाँकि शिवसेना के विनायक राउत ने बिल का समर्थन किया। लेकिन, साथ ही बिल पर बहस करते हुए ये भी कहा कि गृहमंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से कितने लोग भारत में आए और इस विधेयक के पारित होने के बाद कितने लोगों को नागरिकता दी जाएगी। उनके अनुसार देश बहुत मुश्किलों का सामना कर रहा है। ऐसे में इन लोगों को नागरिकता देने से देश पर कितना बोझ पड़ेगा।

इस बहस के दौरान राउत ने श्रीलंका से आए शर्णार्थियों को भी नागरिकता देने की माँग उठाई है और कहा कि केंद्र को इस बात को स्पष्ट बताना चाहिए कि आर्टिकल 370 हटने के बाद दूसरे राज्य से जम्मू-कश्मीर जाकर कितने लोगों ने अपना काम शुरू किया है। क्योंकि उनके अनुसार सिर्फ़ सिर्फ़ कानून बन जाना पर्याप्त नहीं है।

उल्लेखनीय है कि इस बिल पर शिवसेना का रुख जानना इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के बाद से ही सबकी नजर उनके फैसले पर टिकी थी। एक साल पहले जब ये विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था, तब शिवसेना ने पूरी तरह से इसका समर्थन किया था। ऐसे में पाला बदलने के बाद इसका विरोध करके पार्टी आलोचनाओं का शिकार नहीं होना चाहती थी।

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