200 बीघा कृषि योग्य भूमि घाघरा मे समाहित

-परवल व मेंथा की फसल घाघरा मे समाहित
-कटान को रोकने के लिए गंगा को रिझाने में जुटे ग्रामीण
बहराइच। बौंडी थाना क्षेत्र के व कैसरगंज तहसील के गोडॉहिया नम्बर तीन के मंझारा तौकली, ब्रीजा पकड़िया, चन्द्रदेव पुरवा, सोखा पुरवा,तीन सौ रेती, चमरौटी गांव पास कटान तेज हो गई है। सैकड़ो बीघे जमीन व बाराबंकी जिले के इस पार बसे खुज्जी के महावीर,राम हरख,बालचन्द समेत चार घर घाघरा में समा गए हैं।लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें गहराने लगी हैं।
घाघरा की खौफनाक लहरें ग्यारह सौ रेती, भिरगू पुरवा,तीन सौ रेती व गोड़िया नम्बर तीन का अस्तित्व समाप्त करने पर तुली हैं। कृषि योग्य भूमि व आशियानों को निगलती हुई घाघरा तेजी से ग्यारह सौ रेती की ओर बढ़ रही है। कटान पीड़ित लोग परेशान है एक हफ्ते से सुरु हुई कटान में सरदार हरजीत सिंह का 35 बीघा,रामहरख का 12 बीघा,घ सरवन का 12 बीघा,महावीर का 11 बीघा,संतराम यादव का 15 बीघा,रणजीत का 5 बीघा,विनोद का  5 बीघा,राजेश का 5 बीघा, राजाराम निषाद का 25 बीघा,शिवा बच्चन का 27बीघा ,जय राम का 27 बीघा व अशोक कुमार का 24 बीघा कृषि योग्य भूमि कटकर नदी की धारा में समा गई। पिछले वर्ष भी किसानों की हजारो बीघे जमीन घाघरा निगल चुकी है।जिसका मुवावजा आज तक इन्हें नही मिल सका। ग्रामीण कहना है कि खेतो में लगी परवल, गन्ने व मेंथा की फसल नदी निगलती जा रही है।
ग्रामीण रामहरख, राजेश व संतराम ने बताया कि गंगा मैय्या को मनाने के लिए लगातार हवन पूजन व आरती का सिलसिला जारी है। लोगों का मनाना है कि हवन पूजन करने से शायद कटान बंद हो जाय। इसलिए हवन पूजन कर गंगा मैय्या को मनाने में जुटे है।
कटान पीडित क्षेत्र मंक्षारा तौकली का रविवार को एसडीएम कैसरगंज रामजीत मौर्य ने ट्रैक्टर पर बैठकर कटान प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया। उन्होंने कटान पीड़ितों हर संभव सहायता व मुवावजा दिलाने की बात कही।

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