“हमारे 30 प्रतिशत पायलटों के पास लाइसेंस नहीं”, पाकिस्तान के Aviation Minister ने माना !

पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां से हर रोज हैरान कर देने वाली खबरें आती है। अब एक खबर सामने आई है जिसमें यह यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की एयरलाइन के हर तीसरे पायलट के पास फेक लाइसेन्स है। यानि पाकिस्तान में हर 3 में से 1 पायलट ने गलत तरीकों से विमान उड़ाने का लाइसेन्स हासिल किया है। अब इसी के मद्देनजर 150 पायलटों को सस्पेंड कर दिया गया है।

दरअसल, पाकिस्तान के कराची में 22 मई को एक प्लेन क्रैश हुआ था जिसमें 98 लोगों की मौत हुई थी। इस प्लान क्रैश की जांच रिपोर्ट को इस सप्ताह संसद में पेश की गई और एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने इस रिपोर्ट को पेश करते समय बताया कि PIA में 860 पायलट हैं। इनमें से 262 ऐसे हैं जिन्होंने पायलट बनने के लिए परीक्षा ही नहीं दी। रिपोर्ट के अनुसार गुलाम सरवर खान ने आगे बताया कि, PIA में पायलटों के अपॉइंटमेंट राजनीतिक दबाव के आधार पर होते रहे हैं। फरवरी 2019 में इसकी जांच शुरू हुई। इसमें पाया गया कि 262 पायलटों ने नौकरी पाने के लिए एग्जाम में अपनी जगह किसी और व्यक्ति को भेज दिया।“

अब अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने अपने लाइसेंस की प्रामाणिकता पर सवाल उठने के बाद 150 पायलटों को निलंबित कर दिया है। कराची प्लेन क्रैश के प्रारंभिक जांच के एक दिन बाद यह बात सामने आई थी कि इस घटना के लिए पायलट जिम्मेदार था।

इस घटना और इसके बाद के खुलासों ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि पाकिस्तान और पाकिस्तान के किसी भी संस्था पर भरोसा क्यों नहीं किया जा सकता है। अब तो पाकिस्तान के सभी पायलटों पर सवाल उठना लाज़मी है। पाकिस्तान के पायलटों के साथ उड़ान भरना अपनी मौत को दावत देना है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के पायलटों को सस्पेंड किया गया है। इससे पहले PIA ने 16 पायलटों को जनवरी 2019 में दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तानी शहर पंजगुर में एक हवाई दुर्घटना की जांच के बाद इसी तरह के आरोपों के बाद निलंबित कर दिया गया था।

कराची में हुए हादसे के बारे में विमानन मंत्री ने संसद को बताया कि पायलट विमान उड़ाने के दौरान्न कुछ अधिक ही अति-आत्मविश्वास में थे और उनमें एकाग्रता की कमी थी। इसी उन कारण से वह त्रासदी हुई, जिसमें 97 लोग मारे गए थे।

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने बताया कि पायलट ने दूसरी ओर हवाई यातायात नियंत्रकों और एटीसी के निर्देशों की अनदेखी की। वहीं, दूसरी तरफ पायलट को इंजन के टकराने के बारे में सूचित नहीं किया। पायलट पूरे उड़ान के समय में कोरोना की चर्चा कर रहे थे। जब नियंत्रण टॉवर ने उनसे विमान की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कहा, तो पायलट ने कहा कि ‘मैं संभाल लूंगा।‘

पाकिस्तानी अख़बार एक्सप्रेस के अनुसार “ये PIA का 16वां विमान हादसा था। साल 2010 में प्राइवेट एयरलाइन एयरब्लू का एक यात्री विमान इस्लामाबाद के पास हादसे का शिकार हो गया। इस दुर्घटना में जहाज़ पर सवार सभी 152 लोगों की मौत हो गई थी।”

हालांकि, इस प्लेन क्रैश और उसके बाद के खुलासे ने पाकिस्तान को एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने बेनकाब किया है। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसे लोगों की जान से कोई मतलब नहीं है और अपने फायदे के लिए पाकिस्तान के शासक किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहते हैं। इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात इमरान खान की चुप्पी है। उनकी चुप्पी से एक बार फिर से यह साबित होता है कि अगर नगरी में अंधेर होगा तो उसका राजा भी चौपट ही होगा।

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