PM मोदी समेत 50 VIP, बड़ी स्क्रीन : राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए चल रही भव्य तैयारी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या ( Ayodhya ) में आगामी 5 अगस्त ( 5 August ) को राम मंदिर ( Ram Temple ) के भूमि पूजन ( bhoomi pujan ) के लिए भव्य तैयारियां की जा रही हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक इस भव्य आयोजन का पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( pm modi ) करेंगे। बहरहाल, अभी तक प्रधानमंत्री कार्यलाय की ओर से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

सूत्रों की माने तो राम मंदिर ( Ram Mandir ) आंदोलन से जुड़े सभी वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भूमि पूजन में आमंत्रित किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक कार्यक्रम में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को बुलाया जाएगा।

खबर तो ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 50 VIP इस महा-आयोजन में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहीं उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा को भी आमंत्रित किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद की ओर से आलोक कुमार और मिलिंद परांदे कार्यक्रम में शामिल हो सकते है। संघ प्रमुख मोहन भागवत और अन्य वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की भी संभावना जताई जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक भूमि पूजन के महाआयोजन में 50 से अधिक वीवीआईपी ही शामिल हो सकेंगे। खबर है कि गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी इसमें शामिल हो सकते हैं। इस समारोह में पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। अयोध्या के पांच से छह क्षेत्रों में बड़े स्क्रीन लगाए जाएंगे ताकि श्रद्धालु भी भूमि पूजन का आनंद उठा सकें।

शनिवार को अयोध्या में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई। ये बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। इसमें अभी मंदिर परिसर में जमीन को बराबर करने और पैमाइश का काम चल रहा है। निर्माण का काम प्रधानमंत्री के भूमि पूजन के बाद ही शुरू किया जाएगा।

भूमि पूजन में 40 किलो चांदी की ईंट

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास की मानें तो भूमि पूजन के अनुष्ठान 3 अगस्त से ही शुरू कर दिए जाएंगे और काशी के विद्वान पंडितों द्वारा इसे पूरा किया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते आयोजन में सीमित संख्या में लोग ही आएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी 40 किलो की चांदी की ईंट रखकर इसका शुभारंभ करेंगे। जमीन से साढ़े तीन फिट अंदर रखी जाने वाली इसे ईंट में नक्षत्रों का प्रतीक बना होगा।

प्रस्तावित मंदिर में एक विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। यहां पर लोग राम जन्मभूमि स्थल से खुदाई में मिलीं पुरातात्विक कलाकृतियों को देख सकेंगे।

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