70 साल के बाद करवाचौथ पर अद्भुत योग, ऐसे बनेगा आपके लिए मंगलकारी

इस बार सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्‍य प्राप्ति के योग बन रहे हैं, विवाहित महिलाओं के लिए करवाचौथ का व्रत इस बार अच्छे संयोग में आ रहा है। 70 साल बाद बन रहे इस शुभ संयोग में विवाहित महिलाएं व्रत कर अखंड सौभाग्‍य प्राप्‍त कर सकती हैं । ज्‍योतिष जानकारों के अनुसार इस बार जहां करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, वहीं शिवयोग, बुधादित्य योग, सप्तकीर्ति, महादीर्घायु और सौख्य योग का भी निर्माण हो रहा है। ये सभी बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और इस दिन के महत्‍व को और बढ़ाते हैं ।

करवा चौथ पूजन का समय
करवा चौथ कथा और पूजन का शुभ मुहूर्त  5:34 बजे से शाम 6:52 बजे तक है । चार नवंबर को सुबह 3:24 बजे से कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सर्वार्थ सिद्धि योग एवं मृगशिरा नक्षत्र में होगी । चतुर्थी तिथि का समापन 5 नवंबर को प्रातः 5:14 बजे होगा। करवा चौथ पर बुध के साथ सूर्य ग्रह भी विद्यमान होंगे, इसकी वजह से बुधादित्य योग बन रहा है । करवा चौथ पर व्रत करने वाली महिलाओं को पूजन का फल हजारों गुना अधिक मिलेगा ।

निर्जला व्रत
करवा चौथ के दिन इस दिन मां पार्वती की पूजा होती है, लेकिन  भगवान शिव कार्तिकेय एवं गणेश समेत । शिव परिवार का पूजन इस दिन किया जाता है। इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत करती हैं, और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। व्रती स्त्रियां इस दिन करवे में जल भरकर करवा माता कह कथा सुनती हैं, ये व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला रखा जाता है । रात्रि में चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है । करवा चौथ पर इस बार चंद्रोदय शाम 7 बजकर 57 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 16 मिनट के बीच होगा ।

करवा चौथ व्रत की क्या है मान्यता
ये व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए रखती हैं । कई प्रांत में कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत करती हैं, कुंवारी लड़कियां यह व्रत सुयोग्य जीवनसाथी पाने के लिए रखती हैं । करवा चौथ पर व्रती महिलाओं के लिए सोलह श्रृंगार कर पूजा पाठ करने का विधान है । सुहाग से जुड़ी वस्‍तुएं महिलाएं इस दिन जरूर प्रयोग में जरूर लाएं । इस वर्ष करवाचौथ शुभ योग के साथ बन रहा है, ये बहुत अधिक लाभदायी होगा ।

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