राज्‍यसभा में कृषि बिल पर हंगामा करने वाले 8 सांसद सस्‍पेंड, यहाँ पढ़े पूरी खबर

राज्यसभा में रविवार (20 सितंबर) को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त हंगामा किया. विपक्षी सांसदों की व्यवहार शर्मनाक था. जिस तरह से बिल की कॉपी फाड़ी गईं और माइक तोड़ा गया वह सब निंदनीय रहा.  अब उन आठ सांसदों पर सभापति वेंकैया नायडू ने बड़ी कार्रवाई की है. अमर्यादित व्यवहार करने वाले 8 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है. TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन, AAP सांसद संजय सिंह राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैय्यद नजीर हुसैन और एलमरान करीम को पूरे एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया है.

राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू ने सांसदों के बर्ताव पर नाराजगी जताई. नायडू ने उपसभापति हरिवंश के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया. नायडू ने कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था.

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कल शाम विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था कि राज्यसभा के उपसभापति के प्रति सदस्यों के व्यवहार न सिर्फ ‘खराब’ थे बल्कि ‘शर्मनाक’ भी थे. राजनाथ सिंह ने बिना किसी का नाम लिए कहा, “जहां तक मैं जानता हूं, ऐसा राज्यसभा और लोकसभा के इतिहास में कभी नहीं हुआ. राज्यसभा में होने वाली यह बहुत बड़ी घटना है. अफवाहों के आधार पर किसानों को गुमराह करने की कोशिश की गई है. जो हुआ वह सदन की गरिमा के खिलाफ था.”

क्यों हुआ हंगामा-

गौरतलब है कि राज्यसभा में रविवार को कृषि विधेयक पर चर्चा के दौरान काफी हो-हंगामा देखने को मिला. यह सब तब हुआ जब सदन की बैठक का समय विधेयक को पारित करने के लिए निर्धारित समय से आगे बढ़ा दिया गया. विपक्षी सदस्यों, का मानना था कि इस तरह का फैसला केवल सर्वसम्मति से ही लिया जा सकता है और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सभापति के आसन के सामने इकट्ठा हो गए. उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया.

हंगामे के कारण कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को संक्षेप में अपनी बात रखनी पड़ी तथा उप सभापति हरिवंश ने विधेयकों को परित कराने की प्रक्रिया शुरु कर दी. विपक्ष द्वारा व्यापक जांच पड़ताल के लिए लाये गए चार प्रस्तावों को ध्वनिमत से नकार दिया गया लेकिन कांग्रेस, तृणमूल, सीपीएम और द्रमुक सदस्यों ने इस मुद्दे पर मत विभाजन की मांग की.

उपसभापति हरिवंश ने उनकी मांग को ठुकराते हुए कहा कि मत विभाजन तभी हो सकता है जब सदस्य अपनी सीट पर हों. तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने आसन की ओर बढ़ते हुए नियम पुस्तिका उप सभापति की ओर उछाल दी. सदन में खड़े मार्शलों ने इस कोशिश को नाकाम करते हुए उछाली गई पुस्तिका को रोक लिया. माइक्रोफोन को खींच निकालने का भी प्रयास किया गया लेकिन मार्शलों ने ऐसा होने से रोक दिया.

डीएमके सदस्य तिरुचि शिवा, जिन्होंने ओ’ब्रायन के साथ और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और सीपीएम सदस्य केके रागेश के साथ मिलकर विधेयकों को स्टैंडिंग कमेटी को भेजने का प्रस्ताव किया था, उन्होंने कागजात फाड़कर हवा में उछाल दिए.

उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को अपने स्थानों पर वापस जाने और कोविड-19 के कारण आपस में दूरी बनाने की आवश्यकता को ध्यान में रखकर आसन के समीप नहीं आने के लिए कहा था लेकिन उन्होंने हंगामा थमता न देख पहले सदन की लाइव कार्यवाही के ऑडियो को बंद करवा दिया और फिर कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु हुई ,तो विपक्षी दलों ने नारे लगाए लेकिन वे हरिवंश को ध्वनि मत से विधेयक को पारित करने के लिए रखने से रोक नहीं पाए विपक्षी दलों द्वारा लाये गये संशोधनों को खारिज करते हुए दोनों विधेयकों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.

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