CAA के विरोध में BJP के 80 मुस्लिम नेताओं ने छोड़ी सदस्यता !

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ़ हो रहे प्रदर्शनों को बीजेपी बेबुनियाद बता रही है। बीजेपी का कहना है कि इसका विरोध वो लोग कर रहे हैं, जो इसके बारे में नहीं जानते। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि बीजेपी अपने ही नेताओं को इस कानून के बारे में बताने में नाकाम रही है। जिसके नतीजे में कानून का विरोध करते हुए बीजेपी के 80 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।

बीजेपी के करीब 80 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने की घोषणा की है। इन नेताओं ने पार्टी छोड़ने का फैसला नागरिकता कानून के विरोध में लिया है। इन लोगों का कहना है कि नागरिकता कानून को धार्मिक आधार पर बनाया गया है। जो संविधान की मूल भावना के ख़िलाफ़ देश को बांटने वाला है। जिन 80 नेताओं ने पार्टी छोड़ी है उनमें बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के करीबी माने जाने वाले राजिक कुरैशी फर्शीवाला भी शामिल हैं।

कुरैशी ने बताया कि करीब 80 मुस्लिम नेताओं ने बीजेपी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को कल गुरुवार को पत्र भेजकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ दी है।

उन्होंने नागरिकता कानून का विरोध करते हुए कहा कि किसी भी समुदाय के वास्तविक तौर पर पीड़ित शरणार्थी को भारतीय नागरिकता मिलनी चाहिए। आप महज धर्म के आधार पर तय नहीं कर सकते कि फलां व्यक्ति घुसपैठिया या आतंकवादी है।

नड्डा को लिखे गए पत्र में पार्टी छोड़ने वाले मुस्लिम नेताओं ने कहा, “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत किसी भी भारतीय नागरिक को समानता का अधिकार प्राप्त है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के सीएए को धार्मिक आधार पर लागू कर देश को बांटने का कार्य किया गया है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है”।

नागरिकता कानून के विरोध में इन मुस्लिम नेताओं के बीजेपी से किनारा किए जाने के बाद अब ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या इन्हीं नेताओं की तर्ज़ पर बीजेपी के दिग्गज मुस्लिम नेता मुख्तार अब्बास नक़वी और शहनवाज़ हुसैन भी पार्टी छोड़ेंगे?

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