राजकीय सम्मान के साथ हुआ आर्मी ऑफिसर अंकित बुद्धिराजा का अंतिम संस्कार, पालतू कुत्ते की खातिर गंवाई अपनी जान

झांसी. पालतू कुत्ते की खातिर अपनी जान गंवाने वाले मेजर अंकित बुद्धराजा का मंगलवार सुबह झांसी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शनिवार रात जम्मू-कश्मीर के बारामुला जिले में गुलमर्ग स्थित अंकित के मकान में आग लग गई थी। अंकित ने परिवार के साथ अपने दो पालतू कुत्तों को आग से बचा लिया था, लेकिन वे करीब 90 फीसदी झुलस गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई थी।

मां के बर्थडे पर आई बेटे की मौत की खबर

मेजर अंकित बीएचईएल से रिटायर अपने पिता विजय बुद्धराजा के साथ झांसी में प्रेम नगर थाना क्षेत्र स्थित राजगढ़ एल्डिको कॉलोनी के रहने वाले थे। वर्तमान समय में अंकित अपनी पत्नी और दो कुत्तों के साथ कश्मीर के गुलमर्ग में रह रहे थे। उत्तरी कश्मीर में बारामुला के गुलमर्ग में ऑफिसर हट में शनिवार मध्यरात्रि लगी आग में फंसे कुत्ते को बचाने के प्रयास में मेजर अंकित की मौत हो गई थी।

दोस्त अंकित ने बताया कि दो-तीन दिन पहले अंकित ने बताया था कि एक मार्च को उनकी मां का जन्मदिन है। मां को वह बड़ा उपहार देना चाहते हैं। इसकी वे योजना बना रहे थे। लेकिन, होनी को कुछ और ही मंजूर था। घटना की जानकारी होने पर दिन भर उनके घर लोगों का जमावड़ा बना रहा। लोग परिजनों को ढांढस बंधाते रहे। मां का रो-रो कर बुरा हाल रहा। मेजर अंकित का मंगलवार की सुबह 8 बजे सैनिक सम्मान के साथ बिजौली मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया गया। इसमें लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। जनप्रतिनिधियों से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी भी सैनिक अंकित के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।

आखिरी सांस तक निभाया प्रेम का रिश्ता

अंकित को पशु-पक्षियों से बचपन से ही प्रेम था, जो जिंदगी की आखिरी सांस तक कायम रहा। अंकित के बचपन के दोस्त अवनीश कस्तवार ने बताया कि स्कूल के दिनों से ही अंकित को पशु-पक्षियों से विशेष लगाव था। गर्मी में पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करते थे। कुत्तों को बिस्किट खिलाना रोज का काम था। अक्सर अपना टिफिन भी गायों को खिला देते थे। इंटरमीडिएट के बाद वह सन् 2005 में सेना में भर्ती हो गए। लेकिन, यहां भी उनका पशु प्रेम कम नहीं हुआ। 4 साल पहले उन्होंने 2 कुत्ते पाले थे। कुत्तों को वह जान से ज्यादा चाहते थे।

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