पाँच अगस्त को अयोध्या में श्री राममंदिर के भूमि पूजन को लेकर उत्साह चरम पर है। रामनगरी अयोध्या पूरी तरह से सजकर तैयार है। इस ऐतिहासिक अवसर पर अखंड श्रीरामचरितमानस पाठ का आयोजन होने जा रहा है। इसका आयोजन 4 अगस्त की शाम 7 बजे से शुरू होकर अगले दिन यानी 5 अगस्त तक लगभग 24 घंटे तक लगातार चलता रहेगा।
इसका आयोजन ‘रामोत्सव’ नामक ऑनलाइन वेबसाइट कर रहा है। भारत समेत कई देशों के रामभक्त इससे जूम ऐप से जुड़ेंगे और एक-एक घंटे का रामचरितमानस पाठ का वाचन करेंगे।
इस पूरे कार्यक्रम को रामोत्सव के फेसबुक पेज “Ramotsav- रामोत्सव” https://m.facebook.com/ramotsav/ पर लाइव किया जाएगा, जो अनवरत चलता रहेगा। कार्यक्रम में अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, मॉरीशस, हालैंड, हंगरी, इंग्लैंड आदि देशों के लोग भी पाठ करेंगे। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लोग इस पेज के माध्यम से जुड़ते जाएँगे और अपनी बारी आने पर एक घंटे तक अपने हिस्से का रामायण पाठ पढ़ेंगे।
इस बीच अयोध्या का रूप रंग बदल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। प्रसाद के लिए लड्डुओं को बनाने का काम चल रहा है। शासन और प्रशासन इस ऐतिहासिक पल में कोई कमी नहीं रखना चाहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सप्ताह भर के भीतर रविवार (अगस्त 2, 2020) को दूसरी बार अयोध्या पहुँच कर तैयारियों का जायजा लेंगे।
वहीं दूसरी ओर भूमि पूजन के लिए देश के सभी प्रमुख तीर्थस्थलों, राष्ट्रीय महत्व के स्थानों और पवित्र नदियों से पावन मिट्टी और जल भव्य मंदिर के निर्माण हेतु अयोध्या पहुँच रहा है। श्री बद्रीनाथ धाम, छत्रपति शिवाजी महाराज के किला रायगढ़, श्री रंगनाथस्वामी मन्दिर (तमिलनाडु), श्री महाकालेश्वर मंदिर, हुतात्मा चन्द्रशेखर आज़ाद व बलिदानी बिरसा मुंडा की जन्मभूमि सहित सभी तीर्थों और बलिदानी वीरों के प्रेरणा स्थलों से मिट्टी, जल और अन्य वस्तुएँ अयोध्या पहुँच चुकी है।
अयोध्या में बनने वाले भव्य श्रीराम मंदिर की नींव बाबा विश्वनाथ को अर्पित शेषनाग पर तैयार होगी। शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में रजत शेषनाग का पूजन हुआ। बाबा विश्वनाथ को चाँदी का कछुआ, रामनाम अंकित चाँदी के पाँच बेलपत्र, सवा पाव चंदन और पंचरत्न भी अर्पित किए गए। ये पाँचों सामग्रियाँ पाँच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन के दौरान मंदिर की नींव में डाली जाएँगी। बताया जाता है कि सृष्टि में सबसे पहले राम कथा भगवान शिव ने कही थी। राम की पूजा से शिव और शिव की पूजा से राम प्रसन्न होते हैं।