BJP में रहते बुलंद था ‘शॉटगन’ का जलवा, पार्टी छोड़ी तो खुद हारे, पत्नी हारीं और अब बेटा

पटना
क्या शत्रुघ्न सिन्हा के राजनीतिक सफर का अंत हो चुका है। यह सवाल आज इसलिए महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि बीजेपी से बगावत करने के बाद उनकी साख लगातार गिर रही है। उनके बेटे लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर इस चुनाव में बांकीपुर सीट से मैदान में खड़े हुए थे। उन्हें बीजेपी के प्रत्याशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा है।

बांकीपुर सीट से हारे चुनाव
बीजेपी की तरफ से नितीन नवीन मैदान में खड़े थे। उन्हें 65.10 फीसदी वोट मिला है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस की तरफ से लव सिन्हा रहे जिन्हें केवल 25.44 फीसदी वोट मिला। तीसरे नंबर पर पुष्मप प्रिया रहीं। वह इस चुनाव में काफी चर्चा में रहीं। बांकीपुर विधानसभा सीट मगध क्षेत्र में आता है। मगध क्षेत्र में विधानसभा की 26 सीटें हैं। यहां पांच जिले हैं जहां इस चुनाव में महागठबंधन का दबदबा दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस के लव सिन्हा को हार मिली है।

राजनाथ सिंह के खिलाफ मैदान में थी पूनम सिन्हा
बीजेपी से बागी होने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा 2019 लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह के खिलाफ मैदान में खड़ी हुई थीं। हालांकि इस चुनाव में उन्हें 3 लाख से ज्यादा वोटों से हार मिली थी, इसके बावजूद वह नंबर दो पर रही थीं। पूनम सिन्हा लखनऊ लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर मैदान में खड़ी थीं।

पटना साहिब से रवि शंकर प्रसाद से हारे शत्रुघ्न सिन्हा
2019 लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा खुद बीजेपी से बागी होकर अपनी परंपरागत सीट पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में खड़े हुए थे। बीजेपी ने उनके खिलाफ रविशंकर प्रसाद को मैदान में उतारा था। लोकसभा चुनाव में पटना साहिब की जनता ने साफ कर दिया था कि शत्रुघ्न सिन्हा राजनीतिक स्टार हैं तो बीजेपी और मोदी की वजह से। पार्टी और मोदी का दामन छोड़ते ही वे कहीं के नहीं रहे। शत्रुघ्न सिन्हा करीब तीन दशकों तक बीजेपी के साथ जुड़े रहे।

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