आम आदमी पार्टी के दिल्ली कार्यालय में चुनावी जीत का जश्न, ‘रिंकिया के पापा’ गाने जमकर थिरके..

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में 63 सीटों पर बढ़त बनाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को स्पष्ट बहुमत मिलना तय लग रहा है। हालांकि, उसे 4 सीटों का नुकसान हो रहा है। भाजपा 7 सीटों पर आगे है, यानी पिछली बार से 4 सीटों की बढ़त है। कांग्रेस का लगातार दूसरे चुनाव में खाता खुलता नजर नहीं आ रहा है। पटपड़गंज से उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 12 राउंड की गिनती तक पीछे चले और 13वें राउंड में आगे हुए। उन्होंने अपनी जीत पर कहा कि भाजपा ने नफरत की राजनीति की, पर दिल्ली ने काम करने वालों को चुना। भाजपा ने कहा कि हम दिल्ली का जनादेश स्वीकार करते हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने केजरीवाल को जीत की बधाई दी और कहा कि हम सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।

70 विधानसभा सीटों के लिए 8 फरवरी को 62.59% वोट डाले गए थे। भाजपा 22 साल और कांग्रेस 7 साल से सत्ता से दूर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तीसरी बार सीएम बनने जा रहे हैं। वे पहली बार 2013 में 48 दिन इस पद पर रहे, फिर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने दूसरी बार 14 फरवरी 2015 को सत्ता संभाली थी।

बता दे दरअसल, आप कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह उसी समय से ही जश्न मनाना शुरू कर दिया था, जब शुरूआती रुझान आने शुरू हुए थे. और अब जब तस्वीर लगभग साफ हो गई है तो आप के नेताओं और कार्यकर्ता जश्न में डूब गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि आप कार्यकर्ता मनोज तिवारी द्वारा गाया गया ‘रिंकिया के पापा’ के गाने पर डांस कर रहे हैं. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर डांस कर रहे हैं.इस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि आप कार्यकर्ता अपनी पार्टी की जीत का जश्न मना रहे हैं. इस दौरान वे डांस करते नजर आ रहे हैं और बैकग्राउंड में यही गाना तेजी से गाते नजर आ रहे हैं

अपडेट्स

  • कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा- कांग्रेस की परफॉर्मेंस अप्रत्याशित नहीं है, हम कहीं थे ही नहीं। कुछ वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने ही पिछले 6-7 साल में शीलाजी के बारे में बुराई की। आप एक तरफ कांग्रेस को हराने का काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ आप शीलाजी के काम का क्रेडिट ले रहे हैं, कौन आप पर भरोसा करेगा?
  • अरविंद केजरीवाल ने जीत के बाद जनसभा की। कहा- आई लव यू दिल्ली। देश में काम की राजनीति का जन्म हुआ है और यही भारत को आगे ले जाएगी।
  • भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अरविंद केजरीवाल को जीत की बधाई दी। नड्डा ने कहा- हम दिल्ली का जनादेश स्वीकार करते हैं और सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
  • 13 राउंड तक पीछे रहे मनीष सिसोदिया 13वें राउंड की गिनती के बाद आगे हुए। उन्होंने तीसरी बार एमएलए बनने पर खुशी जाहिर की।
  • राजेंद्र नगर से आम आदमी प्रत्याशी राघव चड्ढा और आतिशी मर्लेना कालकाजी से जीतीं। चड्ढा ने कहा- लोगों ने साबित कर दिया कि दिल्ली का बेटा आतंकवादी नहीं, बल्कि सच्चा राष्ट्रवादी है।
  • अरविंद केजरीवाल दोपहर 3 बजे पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित करेंगे।
  • नतीजों के दिन दिल्ली सबसे तेज, 21 मिनट में 70 सीटों की तस्वीर साफ हुई
    डाक मत पत्रों की गिनती के बाद मंगलवार सुबह टीवी चैनलों के रुझानों में शुरुआती 15 मिनट में ही यह तय हो गया था कि आप की जीत पक्की है। इसके बाद अगले 7 मिनट में यानी 8 बजकर 21 मिनट पर सभी 70 सीटों के रुझान आ गए और आप ने 50+ सीटों पर लीड बना ली।

    ट्रेंड्स कायम, एग्जिट पोल भी सही साबित हो रहे
    ट्रेंड्स: 
    दिल्ली में जब भी वोटिंग कम होती है तो सरकार नहीं बदलती। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में 62.59% वोट डाले गए। यह पिछली बार के मुकाबले करीब 5% कम हैं। इस बार भी केजरीवाल की सरकार की वापसी तय है। 2003 में 53% और 2008 में 58% वोटिंग हुई थी। इन दोनों ही चुनावों में सरकार नहीं बदली थी। 2013 में दिल्ली के लोगों ने उस वक्त तक की सबसे ज्यादा 65.63% वोटिंग की थी। जब नतीजे आए, तो 15 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस की विदाई हो गई। 2015 के चुनाव में अब तक का सबसे ज्यादा 67.12% मतदान हुआ। 70 में से 67 सीटें आम आदमी पार्टी ने जीती थीं।
    पोल ऑफ एग्जिट पोल्स: वोटिंग के बाद दिल्ली में एग्जिट पोल के अनुमान सामने आए। 7 एग्जिट पोल में आप को स्पष्ट बहुमत का अनुमान जाहिर किया गया। पोल ऑफ पोल्स में आप को 55, भाजपा को 14 और कांग्रेस को 01 सीटें दी गई थीं। पोल ऑफ पोल्स रुझानों के काफी करीब है।

  • चुनाव प्रचार में भाजपा आगे, पर आप का ‘टीना’ फैक्टर भारी पड़ा
    भाजपा ने 2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र मोदी के ही चेहरे पर लड़ा और उसे 303 सीटें मिलीं। आप ने इसी से सबक लिया। जिस तरह भाजपा ने प्रचारित किया था कि मोदी के सिवाय देश में कोई विकल्प नहीं है, उसी तरह आप ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में यह प्रचारित किया कि केजरीवाल के सिवाय कोई विकल्प नहीं है। इसे ‘टीना’ यानी देयर इज नो अल्टरनेटिव (TINA) फैक्टर कहते हैं। आप का प्रचार इसी पर केंद्रित रहा।

    भाजपा ने 36 साल पुराना अनुच्छेद 370 हटाने का वादा पूरा किया, पर 4 में 3 चुनाव हारी
    भाजपा ने पहला चुनाव 1984 में लड़ा था। तब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाने का वादा किया था। 5 साल बाद 1989 में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और यूनिफॉर्म सिविल कोड भी भाजपा के मूल वादों की फेहरिस्त में जुड़ गया। दोनों ही वादे पूरे हो चुके हैं। लेकिन, इन्हें पूरा करने के बाद हुए चार में से तीन विधानसभा चुनाव में भाजपा हार चुकी है। महाराष्ट्र में भाजपा सबसे ज्यादा सीटें हासिल करने के बावजूद विपक्ष में बैठी। हरियाणा में जजपा की मदद से सरकार बनानी पड़ी। झारखंड में हार गई और दिल्ली भी।

    2 साल में एनडीए 8 राज्यों में हारा
    भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए पिछले दो साल में आठ राज्यों में चुनाव हार चुका है। दिल्ली समेत 12 राज्यों में अभी भी भाजपा विरोधी दलों की सरकारें हैं। एनडीए के पास 16 राज्यों में ही सरकार है। इन राज्यों में 42% आबादी रहती है।

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